भोजन इतिहास

Interesting story of the world famous kofta becoming popular in India

विश्व प्रसिद्ध कोफ्ते की हिन्दुस्तान में पॉपुलर होने की रोचक स्टोरी

यदि हम हिन्दुस्तान के उन फूडी लोगों की बात करें जो मलाईदार और बेहद स्वादिष्ट ग्रेवी वाले व्यंजन को अपनी थाली में देखना ज्यादा पसन्द करते हैं, तो उनके पसंदीदा वेज और नॉनवेज व्यंजनों में कोफ्ते को पहले स्थान पर रखना होगा।

दोस्तों, हिन्दुस्तान में वेज कोफ्ता एक ऐसा पॉपुलर डिश है जिसकी एक-दो नहीं बल्कि कई वेरायटीज हैं, जैसे- पनीर कोफ्ता, लौकी कोफ्ता, मलाई कोफ्ता, मशरूम-पालक कोफ्ता, कटहल कोफ्ता, आलू कोफ्ता, गोभी-पनीर कोफ्ता, कैबेज कोफ्ता, पालक कोफ्ता, वेज नरगिसी कोफ्ता, कीमी मटर कोफ्ता आदि। वहीं यदि हम नॉनवेज कोफ्ता की बात करें तो मटन कोफ्ता और चिकेन कोफ्ता की भी कई वेरायटीज हैं, जैसे - उत्तर भारत में मलाईदार सॉस से लेकर दक्षिण में मसालेदार करी तक।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर में यह विश्व​ प्रसिद्ध कोफ्ता अपने अस्तित्व में कैसे आया? दुनिया के तकरीबन हर देशों में कोफ्ते के अलग-अलग नाम हैं, अब आप का यह सोचना भी लाजिमी है कि कोफ्ता नामक यह मसालेदार डिश पूरी दुनिया में इतना लोकप्रिय कैसे हो गया? यदि आप बेहद लजीज व्यंजन कोफ्ते का इतिहास जानने चाहते हैं तो यह रोचक स्टोरी जरूर पढ़ें।

विश्व प्रसिद्ध व्यंजन कोफ्ता

यदि हम कोफ्ता की बात करें तो इसकी उत्पत्ति फारसी शब्द कुफ्ते अथवा कुफ्तानसे हुई है, जिसका हिन्दी अर्थ है- बारीक कटा हुआ या फिर कीमा बनाया हुआ मांस। मतलब साफ है, गरम मसाले व दूसरी अन्य सामग्रियों के साथ मांस को पीसकर अथवा कूटकर तैयार करने की विधि ही कोफ्ता कहलाती है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि बारीक कटे ​अथवा पीसे हुए मीट, प्याज, लहसुन और गरम मसाले से तैयार व्यंजन को हम भारतीय कोफ्ता के नाम से जानते हैं जबकि लेबनान में केफ्ताअथवा काफ्ता’, मध्यपूर्व के देशों में किब्बे और ग्रीस के लोग केफ्टस कहते हैं। कोफ्ता को अंग्रेजी मेंमीट बॉल नाम दिया गया है।

ऐसे माना जाता है कि लजीज व्यंजन कोफ्ता को सबसे पहले तुर्की साम्राज्य के ओटोमन महल में तैयार किया। एक किवंदती के अनुसार, तुर्की राजमहल के शाही रसोईयों ने बचे हुए मांस तथा गरम मसालों को खाने में इस्तेमाल करने के लिए एक नई डिश तैयार की जिसे हम सभी कोफ्ता के नाम से जानते हैं।

इस प्रकार देखते ही देखते यह स्वादिष्ट और मसालेदार व्यंजन तुर्की साम्राज्य के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक बन गया। आज की तारीख में कोफ्ता तुर्की के सामाजिक समारोहों का एक आम व्यंजन है। तुर्की में कोफ्ता को अक्सर सलाद के साथ परोसा जाता है और चपटी रोटी में लपेटा जाता है।

यदि हम हिन्दुस्तान की बात करें तो सर्वप्रथम मीट अथवा चिकेन कोफ्ता बनाने की शुरूआत मुगलों के शाही रसोईघर से हुई। तत्पश्चात इस देश के स्थानीय लोगों ने अपने स्वादानुसार इस व्यंजन में कई परिवर्तन किए, जैसे-वेज कोफ्ता में लौकी कोफ्ता, पनीर कोफ्ता, कटहल कोफ्ता, आलू कोफ्ता, गोभी पनीर कोफ्ता, कैबेज कोफ्ता, पालक कोफ्ता, वेज नरगिसी कोफ्ता, कीमी मटर कोफ्ता आदि।

बेहद लजीज डिश कोफ्ता की पॉपुलारिटी

लजीज व्यंजन कोफ्ता की लोकप्रियता दक्षिण एशियाई देशों- भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका में ही नहीं अपितु यह व्यंजन फारस, ग्रीस और अरब देशों में भी उतना ही पॉपुलर है। सिल्क रोड के जरिए मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के बीच गरम मसालों और पाक कला को प्रसारित- प्रचारित करने में खूब मदद मिली जिससे कोफ्ता के स्वाद में भी कई परिवर्तन देखने को मिले।

इतना अवश्य है कि संस्कृति एवं सभ्यता के हिसाब से अलग-अलग देशों की अपनी खास रेसिपी होती है। ऐसे में अलग-अलग देश के निवासी कोफ्ता तैयार करते समय अपने हिसाब से मसाले और सामग्री बदलते रहते हैं।

तकरीबन दुनिया के प्रत्येक हिस्से में चिकेन और मटन कोफ्ता को लोग खूब पसन्द करते हैं, यही वजह है कि कहीं-कहीं जड़ी-बूटियों और गरम मसालों से तैयार मीट बॉल को लम्बे आकार में भी बनाया जाता है। यही नहीं, कहीं-कहीं तो इसे रोजमर्रा के डिश में भी शामिल किया जाता है।

भारत, पाकिस्तान और बंग्लादेश में कोफ्ताकी प्रकृति

मटन कोफ्ता और चिकेन कोफ्ता के अलावा भारत में कोफ्ते का शाकाहारी विकल्प भी मौजूद है, जैसे- लौकी कोफ्ता, पनीर कोफ्ता, कटहल कोफ्ता, आलू कोफ्ता, गोभी पनीर कोफ्ता, कैबेज कोफ्ता, पालक कोफ्ता, वेज नरगिसी कोफ्ता, कीमी मटर कोफ्ता आदि। इन सभी शाकाहारी कोफ्ते को मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है।

वहीं इस्लामिक सभ्यता के हिसाब से पाकिस्तान में मटन और चिकेन कोफ्ता काफी लोकप्रिय है। गरम मसाले से तैयार की जाने वाली कोफ्ता करी पाकिस्तान की समृद्ध पाक कला का बेहतरीन नमूना है।

हिन्दुस्तान तथा पाकिस्तान के पड़ोसी बांग्लादेश में कोफ्ते को मछली से तैयार किया जाता है, जो मटन एवं चिकेन कोफ्ते के मुकाबले पचने में थोड़ा हल्का होता है। मछली से तैयार कोफ्ते को नारियल के दूध से बनी करी में परोसा जाता है।

दुनिया के इन देशों में है कोफ्ते की अलग-अलग वेरायटी

मटन कोफ्ते को अमेरिका में सामान्यतौर पर मीटबॉल कहा जाता है।

भारत के शाकाहारी कोफ्ते में लौकी, कटहल तथा पनीर आदि से बने कोफ्ते चावल के साथ परोसे जाते हैं।

ईरान में पीले मटर, आलू तथा मीट के कीमे से तैयार कोफ्ते को तबरीजी कोफ्ता कहा जाता है।  

भारत के एक तहजीबी शहर लखनऊ तथा पाकिस्तान के कराची में नरगिसी कोफ्ता काफी लोकप्रिय व्यंजन है। नरगिसी कोफ्ते में उबले हुए अण्डे का मिश्रण होता है।

दाल और बुलगुर से तैयार कोफ्ते को तुर्की में मर्सीमेक कोफ्तेसी कहा जाता है।

रोमानिया में सूअर के मांस तथा आलू से तैयार कोफ्ते को चिफटेले कहा जाता है।

अर्मेनियाई और सीरियाई कोफ्ता ओर्ख अथवा ओरुक को मांस और बल्गुल से तैयार किया जाता है, इसे बेलनाकार आकार में परोसा जाता है।

इनेगोल कोफ्ता तुर्की का एक विशेष कोफ्ता है। जबकि इस्लामा कोफ्ता तुर्की का एक उबला हुआ कोफ्ता है।

सिस कोफ्ता तुर्की का कबाब शैली का कोफ्ता है जबकि सुलू कोफ्ता तुर्की का सूप शैली का कोफ्ता है।

इजरायली कोफ्ते का नाम कट्जित्ज़ोत खुबेज़ा है जो मैलो, लहसुन तथा अंडे की सफेदी व ब्रेड के टुकड़ों को मिलाकर तैयार किया जाता है।

तबरीज़ कोफ़्तेसी एक अज़रबैजानी कोफ्ता है जो साइज में काफी बड़ा होता है।

बोस्निया, क्रोएशिया तथा सब्रिया में कोफ्ता का नाम कुफ्ते है, इसे सामान्यतया बीफ या मेमने के मीट से तैयार कर उबले हुए आलू तथा सलाद के साथ सर्व किया जाता है।

मिस्र के कोफ्तेत एल हाती नामक कोफ्ते को भुने हुए मीट, जीरा, धनिया, दालचीनी जैसे गरम मसालों में तैयार किया जाता है, इसके बाद मिक्स ग्रिल प्लेट पर तेहिना के साथ सर्व किया जाता है।

लौकी कोफ्ता बनाने की ​रेसिपी

 लौकी कोफ्ता कोफ्ते स्वाद बेहद लजीज होता है, साथ ही इस डिश को बनाना भी बिल्कुन आसान है। डिनर पार्टी के दौरान कद्दूकस लौकी और बेसन के मिक्स पकौड़े को गरम मसाले, टमाटर, प्याज, लहसुन के ग्रेवी में पकाया जाता है। इस प्रकार तैयार लौकी कोफ्ता का स्वाद लेते वक्त यह पता ही नहीं चलता है कि इसे लौकी से तैयार किया गया है।

लौकी कोफ्ता बनाने की सामग्री- चार से पांच लोगों के लिए महज तीस मिनट में लजीज लौकी कोफ्ता तैयार करने के लिए आपको जो सामग्री चाहिए, वह इस प्रकार है- दो कप कद्दूकस की हुई लौकी, 200 ग्राम बेसन, चार टमाटर, स्वादनुसार बारीक कटी हुई हरी मिर्च, थोड़ा सा बारीक कटा हुआ धनिया, एक चम्मच कसूरी मेथी, स्वादानुसार हींग, जीरा तथा अजवाइन, अदरक के एक टुकड़े का पेस्ट, मात्रानुसार हल्दी, धनिया पाउडर तथा लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला तथा मात्रानुसार सरसों का तेल ताकि लौकी कोफ्ते के बॉल को तला जा सके।

जानिए कैसे तैयार करें लौकी कोफ्ता

एक ताजी लौकी ले आइए, फिर उसे अच्छे से छीलकर धो ​लीजिए। इसके बाद उस लौकी को कद्दूकस करें तत्पश्चात उस कद्दूकस लौकी का सारा रस नीचोड़ लें। अब उस कद्दूकस लौकी में 200 ग्राम बेसन तथा उपरोक्त सामग्री में बताई गई मात्रानुसार हरी मिर्च, अदरक पेस्ट, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, अजवायन, थोडा़ सा हरा धनिया डालकर इन सभी को अच्छी तरह मिक्स करें, फिर 10 मिनट के लिए रख दीजिए ताकि कद्दूकस लौकी तथा बेसन के कण अच्छी तरह से फूल जाएं।

सबसे पहले एक कड़ाही में तेल गर्म करें फिर लौकी कोफ्ते को गोल आकार में तलना शुरू करें। ध्यान रहे, कड़ाही में उतना ही कोफ्ता डाले जितना आसानी से तला जा सके और आंच का विशेष ध्यान रखें ,तेल मध्यम गरम हो और आंच को भी मध्यम तेज रखें। कोफ्ते को पलट-पलटकर भूरा होने तक तलें। अब तले हुए कोफ्तों को एक अलग प्लेट में रख दें।

तैयार करें लौकी कोफ्ता ग्रेवी

सबसे पहले कड़ाही में थोड़ा सा सरसों तेल डालकर गर्म करें। फिर उसमें मात्रानुसार जीरा, हींग, अदरक का पेस्ट, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर डालकर हल्का सा भूनें। इसके बाद टमाटर का पेस्ट और लाल मिर्च पाउडर डालकर मसाले को तब तक भूनें जबतक कि तेल ग्रेवी के ऊपर तैरने न लगे। इसके बाद इसमें कसूरी मेथी और मात्रानुसार बेसन डालकर मसाले को 2 मिनट तक और भून लीजिए।

जब मसाला भूनकर तैयार हो जाए तब उसमें 2 कप पानी, स्वादानुसार नमक, गरम मसाला, हरा धनिया और लौकी का ज्यूस डालकर मिक्स कीजिए। फिर ग्रेवी को ढककर तकरीबन 5 मिनट तक पकाइए। जब ग्रेवी पककर तैयार हो जाए तो इसमें तले हुए कोफ्ते डालकर मिला लीजिए। अब इसे एक बार फिर से 4-5 मिनट के लिए ढककर पकने दीजिए। अब आपका लौकी कोफ्ता बनकर तैयार है, इस गरमा-गरम लौकी कोफ्ते को चावल, चपाती अथवा पराठे के साथ सर्व करें।

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