भारत के घर-घर में तैयार किया जाने वाला ठंडा पेय पदार्थ शर्बत किसी परिचय का मोहताज नहीं है। गर्मी के दिनों में तो हर कोई एक गिलास ठंडा शर्बत पीना चाहता है। हमारे देश के होटलों और रेस्टोरेन्ट्स की बात तो छोड़िए जनाब, यहां सड़कों के किनारे भी शर्बत के स्टॉल देखना सामान्य सी बात है।
अब आप सोच रहे होंगे कि भारत का पेय पदार्थ शर्बत सबसे पहले किसने तैयार किया और यह ठंडा पेय पदार्थ हमारे देश में इतना लोकप्रिय कैसे हो गया? दोस्तों, आप को यह बात जानकर हैरानी होगी कि शर्बत भारत का नहीं अपितु ईरान का है। मध्यकाल में मुगलों की वजह से शर्बत को भारत में लोकप्रियता मिली। शर्बत से जुड़ा इतिहास जानने के लिए यह रोचक स्टोरी जरूर पढ़ें।
ईरान है शर्बत का जन्मदाता
शर्बत अथवा शरबत एक फारसी शब्द है जिसका हिन्दी अर्थ है- ‘फल अथवा फूलों की पंखुड़ियों से तैयार किया जाने वाला एक ठंडा पेय पदार्थ’। वहीं दूसरी तरफ शर्बत को अरबी भाषा के शरिबा से भी जोड़ा जाता है जिसका अर्थ होता है-‘पीना’। मध्ययुग में अरबी शब्द ‘शरब’ का अर्थ मादक पेय हो गया। भारतीय शब्द ‘शराब’ भी अरब मूल के शरब से ही निकला है। यदि हम ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी की बात करें तो शर्बत का अर्थ है- ‘पूर्व का एक ठंडा पेय पदार्थ’।
शर्बत का सबसे पहला उल्लेख 11वीं शताब्दी में फारसी लेखक इब्नसिना के द्वारा किया गया है। इसके बाद 12वीं शताब्दी में फ़ारसी पुस्तक ‘जखीरे ख्वारज़्म शाही’ में भी शर्बत की कई किस्मों का वर्णन मिलता है।
यदि हम फारस (ईरान), तुर्की तथा अरब देशों की बात करें तो वहां कई प्रकार के फलों के रस (अक्सर चेरी या अनार) तथा सुगन्धित फूलों के मिश्रण से शर्बत तैयार किए जाते हैं। जबकि भारत तथा उसके पड़ोसी देशों में सामान्यतया शर्बत को चीनी, पानी, नीबू का रस, नमक तथा कुछ अन्य मसाले डालकर तैयार किया जाता है।
भारत में मुगल बादशाह बाबर की देन है शर्बत
मुस्लिम संस्कृति में शर्बत के लोकप्रिय होने की असली वजह यह है कि इस्लाम धर्म में शराब पीना वर्जित है। शर्बत की उत्पत्ति फारस में हुई परन्तु भारत में यह ठंडा पेय पदार्थ सबसे पहले मुगलों के द्वारा लाया गया।
मुगल बादशाह बाबर की आत्मकथा ‘तुजुक-ए-बाबरी’ अथवा ‘बाबरनामा’ के मुताबिक, ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पसन्दीदा पेय था शर्बत। अत: भारत में शर्बत लाने का श्रेय बाबर को ही दिया जाता है।
इतना ही नहीं, बाबर का बेटा हुमायूं भी शर्बत पीने का शौकीन था। चूंकि हुमायूं की पत्नी हमीदा बानू बेगम ईरानी मूल की थी अत: उसी ने मुगल खानपान में केसर और ड्राई फ्रूट्स को शामिल किया। यही वजह है कि हुमायूं के समय शर्बत में ड्राई फ्रूट्स डाला जाने लगा, इतना ही नहीं, शर्बत को ठंडा बनाने के लिए हुमायूं हिमालय से बर्फ भी मंगवाता था।
बाबर और हुमायूं के अलावा मुगल सम्राट जहांगीर भी फालूदा शर्बत का शौकीन था। भारत में गुलाब शर्बत का चलन पादशाह बेगम नूरजहां ने शुरू किया। ऐसा कहा जाता है कि एक बार गर्मी के महीने में शाम के वक्त मुगल सम्राट जहांगीर अपनी बेगम नूरजहां के साथ गुलाबों के गार्डेन में टहल रहे थे। गुलाबों की भीनी-भीनी खूशबू से नूरजहां को फारस (ईरान) में बने खुशबूदार शर्बत की याद आ गई जिसे वह हर रोज फालूदा में मिलाकर पीती थीं।
ऐसे में पादशाह बेगम नूरजहां की रूचि को देखते हुए शाही हकीमों ने मुगल राजघराने के लिए ख़ुशबूदार मीठे-खट्टे गुलाब शर्बत तैयार किए। इस प्रकार गुलाब शरबत भारत में अपनी तरह का पहला शरबत था और आज ये तक़रीबन हर घर का पेय है।
भारत में शर्बत के प्रकार
वैसे तो मुस्लिम देशों में शर्बत विशेषरूप से लोकप्रिय है क्योंकि रमजान के महीने में दैनिक उपवास तोड़ने पर रोजा रखने वाले मुसलमान ठंडे शर्बत का सेवन जरूर करते हैं। परन्तु यदि हम भारत की बात करें तो यहां के प्रत्येक घरों के लिए शर्बत आम है, क्योंकि मुगल पाककला के प्रभाव को भारतीय रसोई से दरकिनार नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि भारत में भी कई तरह के शर्बत तैयार किए जाते हैं।
बादाम शर्बत- वैसे तो बादाम शर्बत मूलत: ईरानी है जिसे भारत में भी खूब पसन्द किया जाता है। बादाम शर्बत को इलायची, बादाम, केवड़े व दूध के साथ बनाया जाता है। कभी-कभी केसर और खरबूजे के बीज डालकर भी इसे तैयार किया जाता है।
बेल का शर्बत- भारत के सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है बेल का शर्बत। बेल के शर्बत को नमक, काली मिर्च, चीनी, बेल के पके फल का गूदा तथा नींबू रस के मिश्रण से तैयार किया जाता है। बर्फ का एक टुकड़ा बेल के शर्बत का स्वाद दोगुना कर देता है।
नींबू का शर्बत- बिल्कुल ठंडे पानी में नींबू के रस के साथ अदरक, पुदीना, केसर व केवड़े में चीनी मिलाकर नींबू का शर्बत तैयार किया जाता है।
इमली का शर्बत- इमली का शर्बत बनाने के लिए सबसे पहले मात्रानुसार पकी इमली को पानी में डालकर घंटेभर के लिए भीगों दें। इसमें स्वादनुसार गुड़, सेंधा नमक,काला नमक और भुना हुआ जीरा पाउडर डाल कर उबालें। जब यह मिश्रण अच्छे से उबल जाए तब इसे छलनी से छानकर थोड़ा ठंडा होने के बाद फ्रीज में रख दें। इसके बाद इस चिल्ड इमली के शर्बत को सर्विंग गिलास में आइस क्यूब डालकर सर्व करें।
गुलाब शर्बत- गुलाब का शर्बत बनाने के लिए सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों को थोड़े से चीनी के साथ मिलाकर रातभर के लिए फ्रिज में छोड़ दिया जाता है। इसके बाद अगले दिन इसमें नींबू का रस मिलाया जाता है। तत्पश्चात गुलाब के पंखुड़ियों के इस मिश्रण में चीनी और पानी मिलाकर गुलाब का शर्बत तैयार किया जाता है।
गुड़ का शर्बत- गुड़ का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ को मात्रानुसार पानी में घोल लें तत्पश्चात इसमें अदरक, पुदीना तथा नींबू का रस डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें। अब इस शर्बत में स्वादानुसार जीरा पाउडर, स्वादानुसार नमक, काला नमक तथा काली मिर्च पाउडर डाल दें। इस प्रकार तैयार गुड़ का शर्बत सर्व करें।
दही का शर्बत- सबसे पहले ताजी दही लेकर उसे मात्रानुसार पानी में मैश करें। इसके बाद इसमें नमक, नींबू का रस डालकर तैयार करें। कुछ लोग नमक की जगह चीनी का भी इस्तेमाल करते हैं। अब एक गिलास में बर्फ के टुकड़े डालकर दही का शर्बत सर्व करें।
तरबूज का शर्बत- सबसे पहले एक मीठा तरबूज लें, फिर उसके लाल वाले भाग को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सर में आसानी से चलाएं। थोड़ी ही देर में जब गूदा और रस एकदम मिक्स हो जाए तब उसे छान लीजिए। फिर तरबूज के इस जूस में नींबू का रस डालें। इसके बाद इस मिश्रण को एक गिलास में बर्फ का टुकड़ा डालकर ठंडा करें। स्वादानुसार चीनी डालकर इस शर्बत को अधिक मीठा भी कर सकते हैं। इस प्रकार तरबूज का शर्बत अपने मेहमान को सर्व करें।
अंगूर का शर्बत- सबसे पहले मीठे अंगूर लेकर उसमें चीनी, बर्फ के टुकड़े तथा मात्रानुसार पानी डालकर मिक्सर में पेस्ट बना लें। फिर इस अंगूर के पेस्ट को छलनी में डालकर अच्छी तरह से छान लें। इसके बाद अंगूर के शर्बत को सर्विंग गिलास में डालकर परोसें।
उपरोक्त लोकप्रिय शर्बतों के अलावा हमारे देश में कई अन्य तरह के शर्बत भी काफी पसन्द किए जाते हैं जैसे- चंदन का शर्बत, सत्तू का शर्बत, जलजीरा शर्बत, कच्ची कैरी का नमकीन शर्बत, प्याज का शर्बत, ब्राम्ही का शर्बत, सौंफ का शर्बत, पपीता व कीवी का शर्बत, आम का शर्बत, केले का शर्बत, अनानास का शर्बत तथा खसखस का शर्बत आदि।
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