भोजन इतिहास

Samosa is from Iran, not India, it has different names and tastes in these states of the country

भारत नहीं ईरान का है समोसा, देश के इन राज्यों में है इसके अलग-अलग नाम और टेस्ट

दोस्तों, यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रत्येक भारतीय का पसंदीदा व्यंजन बन चुका समोसा भारत का नहीं है। हांलाकि ग्लोबलाईजेशन के इस युग में समोसे को किसी एक देश में बांधा नहीं जा सकता है। फिर भी आपको बताना जरूरी है कि समोसे का जन्म स्थान ईरान है। मतलब साफ है, समोसा नामक यह स्नैक्स ईरान से चलकर भारत सहित दुनिया के हर कोने में पहुंचा। सीरिया, लेबनान और मिस्र के बाद समोसे का प्रचलन भारत में हुआ।

इतिहास में समोसे का सर्वप्रथम जिक्र 11वीं सदी में फारसी इतिहासकार अबुल-फज़ल बेहाक़ी के द्वारा किया गया है। अबुल-फज़ल बेहाक़ी ने गजनवी साम्राज्य के शाही दरबार में नमकीन व्यंजन का जिक्र किया है, जिसमें कीमा और सूखे मेवे भरे जाते थे। दरअसल फारसी भाषा के संबुश्क अथवा सन्बूसज शब्द से समोसे का प्रचलन मिलता है। समोसा का नाम समसा से लिया गया है, जो मध्य एशियाई पिरामिड की याद दिलाते हैं और उनसे ही प्रेरित होकर यह तिकोने बनाए गए हैं।

समोसे के भारत पहुंचने का रास्ता मध्य एशिया की पहाड़ियों यानि अफगानिस्तान से होकर आता है। भारतीय खानों के इतिहासकार पुष्पेश पंत का कहना है कि कालान्तर में समोसे में सूखे मेवे की जगह भेड़ का मीट भरा जाने लगा और कटे हुए प्याज तथा नमक के साथ मिला कर इसे बनाया जाने लगा। इतिहासकार इब्नबतूता के अनुसार मोहम्मद बिन तुग़लक़ के दरबार में एक भव्य भोज में जो समोसे परोसे गए थे उनमें कीमा और मटर भरा हुआ था। इतना ही नहीं इब्नबतूता ने अपने ग्रन्थ रेहला में सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक के विशेष भोजन में चपातियों, भूने मांस, चावल, मुर्गा के साथ ही मीठे समोसे का भी ​जिक्र किया है। 

16वीं शताब्दी के मुगल दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र मिलता है। अमीर खुसरो ने भी समोसे का ज़िक्र किया है, खुसरो के मुताबिक समोसों में प्याज और गोश्त भरा जाता था और देसी घी में छाना जाता था।

सोनल वेद की किताब Whose Samosa is it Anyway?: The Story of Where 'Indian' Food Really Came From’ के मुताबिक समोसे को पहले तरह-तरह के मीट और बीफ की स्टफिंग करके तेल में फ्राई करके तैयार किया जाता था।

हिंदूकुश के बर्फ़ीले दर्रों से होते हुए भारतीय उपमहाद्वीप पहुंचने वालो अतिलोकप्रिय व्यंजन समोसे ने एक लंबा सफर तय किया है। भोजन इतिहासकार पुष्पेश पंत के अनुसार, समोसे को भारत ने अपनी जरूरत के हिसाब से बदलकर इसे पूर्णरूप से अपना बना चुका है।

इन राज्यों में है समोसे के अलग-अलग नाम और टेस्ट

हांलाकि ईरानी राजाओं के इस शाही पकवान का स्वरूप दिन-प्रतिदिन बदलता ही गया और देखते ही देखते यह दुनिया का सर्वाधिक पसंदीदा स्नैक्स बन गया। आपको जानकर ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में अलग-अलग जगहों पर इसे अलग नाम और एक अलग रूप में तैयार किया जाता है।

बतौर उदाहरण पंजाब में समोसे के अन्दर पनीर भरा जाता है। वहीं दिल्ली में समोसे में काजू और किसमिश डालकर भी इसे बनाते हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में समोसे को सिंघाड़ा कहा जाता है। बंगाल की तरफ जाएं तो वहां आपको आलू और मूंगफली के साथ-साथ मटन के भरवां समोसे मिलेंगे,जबकि पश्चिम बंगाल में मिलने वाले सिंघाड़े को मछली और मांस से तैयार किया जाता है। अगर यह मीठा है तो समझ जाइए कि इसे खोया और चाशनी से तैयार किया गया है।

वेल्लोर शहर और चेन्नई शहर के आसपास के लोगों के बीच मीठा समोसा (स्वीट समोसा) भी बहुत फेमस है। मीठा समोसा को वि​शेष रूप से पालकोवा और नारियल से तैयार किया जाता है। स्वीट समोसा भी प्याज के समोसे के समान होती है। मिठाई की दुकानों पर यह साढ़े चार सौ रुपए किलो के हिसाब से बिकता है। बता दें कि पालकोवा तमिलनाडु के श्रीविल्लिपुथुर में बनाई जाने वाली एक दूध की मिठाई है जिसे दूध पेड़ा या दूध का हलवा भी कहा जाता है।

आन्ध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में आपको मोमोज की तरह दिखने वाले समोसे पोटली में नजर आएंगे, जिनमें कीमे की भरावन की जाती है। हैदराबाद में समोसे को लुक्मी कहा जाता है। गोवा में समोसे को चामुकास बोला जाता है और कोलकाता के क्लब्स में ये कॉकटेल समोसा कहलाता है। मालदीव्स में भी समोसा मिलता है और उनको बाजिया कहा जाता है जिसमें टूना मछली मसाले के साथ समोसे में भरी जाती है।

देश की राजधानी दिल्ली में समोसे का क्रेज देखते ही बनता है। मतलब नाश्ते में समोसे, लंच में समोसे शाम के स्नैक में समोसे और तो और लोग डिनर में भी अपना पेट समोसों भर सकते हैं। राजधानी दिल्ली में समोसों की वेरायटी की बात करें तो यहां एक नहीं दो नहीं बल्कि 80 प्रकार के समोसे देखने को मिल जाएंगे। चिकन मलाई टिक्का से लेकर मशरूम मंचूरियन और काली मिर्च पनीर वाले समोसे तक यहां बिकते हैं।

उपरोक्त लेख में हमने कई वेरायटी के समोसों का जिक्र किया है, लेकिन लोगों के बीच आलू भरा समोसा सबसे अधिक प्रचलित है। देश के अधिकतर जगहों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में आपको आलू के समोसे का स्वाद मिलेगा।

समोसे में आलू भरने की भी एक अलग कहानी है। दरअसल सोलहवीं सदी में पुर्तगाली भारत में आलू लाए थे और उसके बाद से ही समोसे में आलू डाला जाने लगा। आलू वाले समोसे लोगों को इतने पसंद आए कि तमाम बदलाव के बावजूद आज भी लोगों को सबसे अधिक आलू वाले समोसे ही पसंद आते हैं।