“Faith, faith, faith in ourselves, faith, faith in God, this is the secret of greatness.” — Swami Vivekananda

डॉ. उदय प्रकाश, राष्ट्रीय समाचार पत्र 'पंजाब केसरी' के अतिरिक्त 'जयपुर टाइम्स' में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। आपने हिन्दी न्यूज वेबसाइट 'दा इंडियन वायर' में बतौर सहायक सम्पादक काम किया है।

शिक्षा के क्षेत्र में आपने अपने गृह जनपद गाजीपुर तथा जयपुर के विभिन्न स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में बतौर व्याख्याता (इतिहास) अध्यापन कार्य किया है। आपने साल 2009 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से शोध प्रबन्ध 'भारतीय सन्दर्भ में नवसाम्राज्यवाद का प्रभाव: एक मूल्यांकन' शीर्षक पर विद्यावाचस्पति (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की।

आपके महत्वपूर्ण शोध प्रपत्र विभिन्न पत्र-​पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें गांधीवाद से वामपंथ की ओर: स्वामी सहजानंद सरस्वती, भारतीय बुर्जुआजी का गरीबी से सरोकार, 1857 की महाक्रान्ति और भारतीय इतिहासकार, भारतीय कृषि पर कसता शिकंजा आदि महत्वपूर्ण रचनाएं हैं। इतिहास विषय के प्रति अत्यधिक रुचि और विभिन्न समाचार पत्रों से जुड़ा होना आपके सामाजिक सरोकार को दर्शाता है।

यह सार्वभौमिक सत्य है कि जो राष्ट्र अथवा ​व्यक्ति अपने इतिहास को भूल जाते हैं अथवा उससे शिक्षा ग्रहण नहीं करते उन्हें भूलों की पुनर्आवृत्ति करनी पड़ती है। इतिहास कभी क्षमा नहीं करता। वर्तमान सभ्यता प्राचीन और भूतकाल की जड़ों से ही निकली और पनपी, और वर्तमान ही भविष्य के लिए आधार बना।

बावजूद इसके विचित्र बात है कि इतिहास का जितना परिहास इस विषय के छात्र करते हैं उतनी अवहेलना शायद आम आदमी नहीं करता है। ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटकों की भरमार, ऐतिहासिक विषयों पर किताबों, फिल्मों तथा टीवी सीरियल्स को ध्यान में रखा जाए तो शायद यह भी कहा जा सकता है कि इतिहास से अधिक लोकप्रिय विषय कोई है ही नहीं।

इसके लिए itihasnama.com में इतिहास की प्रारम्भिक धारणाओं के अनावश्यक दुहराव से बचने की पूरी चेष्टा की है तथा केवल संदर्भयुक्त अंशों को ही स्थान दिया गया है। विषयवस्तु को विभिन्न शीर्षकों तथा उपशीर्षकों में इस तरह से विभाजित किया गया है ताकि विषय का तारतम्य बना रहे। विषयवस्तु को रूचिकर, सहज एवं बोधगम्य बनाने का यथासंभव प्रयास किया गया है।

itihasnama.com के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह इतिहास के सुधि पाठकों, विद्यार्थियों तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं अन्य प्रति​योगी परीक्षाओं के अभ्यार्थियों के लिए लाभप्रद बनाना है। ऐसे में पाठकगणों से विनम्र निवेदन है कि हमें पढ़ें, अधिक से अधिक शेयर करें तथा आर्टिकल्स (लेख) को बेहतर करने के सुझाव देते रहें।