भोजन इतिहास

Which Mughal emperors were crazy about Panchmel Dal?

कौन-कौन से मुगल बादशाह थे पंचमेल दाल के दीवाने?

दोस्तों, इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्वाद, मसालों और सुगन्धों का अद्भुत मिश्रण जिसे मुगलई व्यंजन कहा जाता है, भारत को एक समृद्ध व्यंजनों की विरासत दी है। यह भी एक हैरानी की बात है कि शाही हकीम से विचार-विमर्श करने के बाद ही मुगल रसोइए बादशाहों के लिए शाही मेन्यू तैयार करते थे और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता था कि तैयार व्यंजन औषधीय रूप से पाचन में सहायक हो तथा स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो।

इस स्टोरी में आज हम एक ऐसे शाकाहारी व्यंजन की बात करने जा रहे हैं जो मुगल बादशाह अकबर, शाहजहां तथा औरंगजेब को काफी पसन्द था। जी हां, मैं पंचमेल दाल की बात कर रहा हूं। पांच प्रकार की दालों, स्वादिष्ट मसालों तथा देशी घी से तैयार पंचमेल दाल आखिर मुगल रसोई में कैसे पहुंची, इस पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।

पांडवों से शुरू होती है पंचमेल दाल की कहानी

भारतीय थाली में दाल का होना लाजिमी है। चाहे गाढ़ी पंजाबी दाल हो या फिर मीठी गुजराती दाल अथवा धीमी आंच पकाई गई मलाईदार दाल मखनी, इनका हर कोई दीवाना है। हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि पंचमेल दाल की उत्पत्ति सर्वप्रथम महाभारत काल में हुई थी। पांडु पुत्र महारथी भीम ने इसे ‘पंचरत्न दाल’ नाम दिया था। इसके पीछे की कहानी यह है कि वनवास के दौरान द्रौपदी ने पांडवों के लिए पहली बार पंचमेल दाल बनाई थी ताकि उन्हें पर्याप्त पोषण मिल सके। एक अन्य कहानी के मुताबिक, अज्ञातवास के दौरान राजा विराट के दरबार में बतौर रसाईए के वेश में भीम ने घी से भरपूर दालों का एक दिलचस्प मिश्रण तैयार किया था जिसे उन्होंने ‘पंचरत्न दाल’ कहा था।

आखिर मुगल रसोई में कैसे पहुंची पंचमेल दाल

बिना टमाटर के स्वादिष्ट मसालों के साथ देशी घी में तड़का लगाकर तैयार की गई पंचमेल दाल मुगल दरबार में इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गई कि मुगल बादशाह अकबर, शाहजहां और औरंगजेब भी इसके दीवाने हो गए। शाहजहां के शासनकाल में तो पंचमेल दाल को ‘शाही पंचमेल दाल’ कहा जाता था। शाकाहारी औरंगजेब को भी पंचमेल दाल से लगाव हो गया था।

यह भी काफी दिलचस्प है कि मुगल बादशाह अकबर सप्ताह में तीन दिन शुद्ध शाकाहारी व्यंजनों का सेवन करता था। वह इस बात के लिए सुनिश्चित रहता था, उसके व्यंजनों को गुलाब जल से पोषित किया जाए ताकि पकने पर सुगन्धित रहें। इसी क्रम में पांच प्रकार की दालों- मूंग दाल, चना दाल, अरहर दाल, मसूर दाल और उड़द दाल का मिश्रण जिसे सामूहिक रूप से पंचमेल दाल कहा जाता है, अकबर और जोधाबाई के पसंदीदा व्यंजनों में से एक था। कहते हैं अकबर की हिन्दू महारानी जोधाबाई ने पहली बार अपने हाथों से अकबर के लिए पंचमेल दाल तैयार की थी। इसके बाद पंचमेल दाल मुगलों को इतना पसन्द आई कि यह मुगल रसोई का एक हिस्सा बन गई। शाहजहां जब मुगल सिंहासन पर बैठा तब मुगल रसोई में शाही पंचमेल दाल बनने लगी थी। मुगल बादशाहों में सबसे अधिक धार्मिक और मितव्ययी औरंगजेब को शाकाहारी व्यंजन सर्वाधिक पसन्द थे, विशेषकर पंचमेल दाल।

पंचमेल दाल पकाने की विधि

सामग्री- आवश्यकतानुसार अरहर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, चना दाल और मूंग दाल। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सभी दालों की मात्रा समान हो। इसके अतिरिक्त देशी घी, हल्दी पाउडर, इलायची, नमक, जीरा, बारीक कटा प्याज, लाल मिर्च, लौंग, बारीक कटा टमाटर, अदरक-लहसुन का पेस्ट, गरम मसाला, कसूरी मेथी और धनिया पत्ती।

जानिए कैसे बनाएं अति​स्वादिष्ट पंचमेल दाल-  सबसे पहले सभी दालों को एक साथ लेकर अच्छे से धोने के बाद आधे घंटे के लिए भिगोकर रख दें। इसके बाद इन दालों को तीन कप पानी में डालकर हल्दी, नमक और देशी घी के साथ मिक्स कर प्रेशर कुकर में पांच सीटी आने तक पूरी तरह से पकाएं।

प्रेशर कुकर से इस पकी हुई दाल को निकालकर एक कटोरे में अलग रख दें। इसके बाद कड़ाही में घी गर्म करें तत्पश्चात इलायची, सूखी लाल मिर्च और जीरा को धीमी आंच पर भूनें। इसके बाद इसमें बारीक कटी हुई प्याज तथा अदरक और लहसुन का पेस्ट भूरा होने तक भूनें।

इसके बाद कड़ाही में धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी, नमक का मिश्रण डालें। सभी उपरोक्त सामग्रियों को बारीक कटे हुए टमाटर के साथ फ्राई करें। अब पकी हुई पंचमेल दाल को इसमें डालकर आवश्यकतानुसार गर्म पानी डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। पंचमेल दाल को तकरीबन दस मिनट तक गर्म करने के बाद इसमें गरम मसाला, कसूरी मेथी और धनिया पत्ता डालकर मिक्स करें। अब इस तैयार पंचमेल दाल को एक चम्मच देशी घी को गर्म करके उसमें जीरा और सूखी लाल मिर्च के साथ तड़का लगाएं। अंत में अति स्वादिष्ट पंचमेल दाल को हरी धनिया पत्ती से गार्निश कर जीरा राइस के साथ सर्व करें।

इसे भी पढ़ें : भारत नहीं ईरान का है समोसा, देश के इन राज्यों में है इसके अलग-अलग नाम और टेस्ट

इसे भी पढ़ें : बाबर से लेकर औरंगजेब तक, इन 6 मुगल बादशाहों को किस तरह के पकवान बेहद प्रिय थे?