
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में इंडियन आर्मी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर-1’ के तहत एक जबरदस्त एयर स्ट्राइक किया। इंडियन आर्मी ने अपने एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान और ‘पाकिस्तान आधिकृत कश्मीर’ में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूद कर दिया। इंडियन आर्मी की इस एयर स्ट्राइक में तकरीबन 100 पाकिस्तानी आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
एयर स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर-1’ की प्रेस ब्रीफिंग बुधवार को नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित की गई। ‘ऑपरेशन सिंदूर-1’ के प्रेस ब्रीफिंग की जिम्मेदारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी एवं विंग कमांडर व्योमिका सिंह को दी गई थी।
इस दौरान इंडियन आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयर फोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया के समक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर-1’ की पूरी डिटेल साझा की। इसके बाद पूरे देश में इन दोनों महिलाओं की चर्चा शुरू हो गई। सबसे हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तानी लोग दिनभर गूगल पर सोफिया कुरैशी के बारे में सर्च करते रहे कि उनका धर्म क्या है और वह किस जाति से सम्बद्ध रखती हैं आदि।
बता दें कि मजहब के नाम पर अपनी रोटियां सेंकने वाले पाकिस्तान को कड़ा संदेश देनी वाली भारतीय सेना की जांबाज महिला अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी भी इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद साहब के वंशज ‘कुरैशी जनजाति’ से हैं। ऐसे में कर्नल सोफिया कुरैशी के जरिए पाकिस्तान तथा उसकी आवाम को मिले उस शानदार संदेश के बारें में जानने के लिए यह स्टोरी जरूर पढ़ें।
कर्नल सोफिया कुरैशी का जीवन -परिचय
साल 1976 में पुणे में जन्मी सोफिया कुरैशी की बुनियाद मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव से जुड़ी है। सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी का पुस्तैनी मकान नौगांव में ही है। कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी इंडियन आर्मी के इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर में सेवारत थे। ताज मोहम्मद कुरैशी साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ताज मोहम्मद कुरैशी के परदादा ब्रिटिश सेना में थे जिन्होंने 1858 की महाक्रांति में हिस्सा लिया था।
कर्नल सोफिया कुरैशी की माता का नाम हलीमा बेगम है, जो उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की हैं। सोफिया कुरैशी ने पहली से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई नौगांव के जीसीडी स्कूल से पूरी की। इसके बाद सोफिया के पिता कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर करांची फिर बड़ौदा हो गया। अत: कर्नल सोफिया कुरैशी ने आगे की पढ़ाई बड़ौदा से ही पूरी की। सोफिया कुरैशी की छोटी बहन का नाम सायना कुरैशी है। सोफिया कुरैशी के माता-पिता और उनके भाई मोहम्मद संजय कुरैशी गुजरात के बड़ोदारा शहर स्थित तंदलजा इलाके में रहते हैं।
इसे भी पढ़ें : कारगिल युद्ध में भी नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल
कर्नल सोफिया कुरैशी का परिवार
इंडियन आर्मी के सिग्नल कोर में कम्युनिकेशन और इंफॉर्मेशन सिस्टम की जिम्मेदारी सम्भालने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के पति कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी भी भारतीय सेना में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में कार्यरत हैं। सोफिया कुरैशी के पति कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी कर्नाटक के बेलगाम जिले के गोकक तालुका स्थित कोन्नूर गांव के निवासी हैं। इन दोनों की शादी साल 2015 में हुई थी।
44 वर्षीय कर्नल सोफिया कुरैशी और कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी का एक बेटा भी है, जिसका नाम समीर कुरैशी है। 18 वर्षीय समीर कुरैशी भी इन दिनों इंडियन एयरफोर्स की तैयारी कर रहा है। सोफिया कुरेशी की बेटी भी भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा करना चाहती है।
कर्नल सोफिया कुरैशी की शिक्षा-दीक्षा
कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रारम्भिक शिक्षा की बात करें तो उन्होंने पहली से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई नौगांव के जीसीडी स्कूल से पूरी की। पिता कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर बड़ोदरा हो गया जिससे सोफिया कुरैशी ने बड़ोदरा केंद्रीय विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।
सोफिया कुरेशी ने वडोदरा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से साल 1997 में बायोकैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। सोफिया कुरैशी के भाई मोहम्मद संजय कुरैशी कहते हैं कि मेरी बहन प्रोफेसर बनना चाहती थी, इसलिए उसने पीएचडी की पढ़ाई शुरू की। सोफिया कुरैशी को जैसे ही पता चला कि आर्मी में महिला अधिकारियों की भर्ती निकली है, उसने पीएचडी छोड़कर साल 1999 में आर्मी ज्वाइन कर लिया।
इसे भी पढ़ें : भारत की किस कमजोरी के चलते पाकिस्तान ने हड़प लिया POK
कर्नल सोफिया कुरैशी की उपलब्धियां
पीएचडी छोड़कर शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए साल 1999 में आर्मी ज्वाइन करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी वर्तमान में इंडियन आर्मी के सिग्नल कोर में कार्यरत हैं। सोफिया कुरैशी ने साल 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण हासिल कर इंडियन आर्मी में ‘लेफ्टिनेंट पद’ से अपने जीवन की शुरूआत की।
संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के तहत कर्नल सोफिया कुरैशी तकरीबन 6 वर्ष तक कांगो में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी देश की एकमात्र महिला अफसर हैं जिन्होंने आसियान प्लस देशों के बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाईज फोर्स-18’ में हिस्सा लिया था। इस सैन्य अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया था जिसमें वह एक मात्र महिला कमांडर थीं।
इसके अतिरिक्त पंजाब सीमा पर ‘ऑपरेशन पराक्रम’ तथा उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उत्कृष्ट कार्यों के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी को प्रशंसा-पत्र मिल चुका है। साल 2016 में देश के प्रख्यात जनरल विपिन रावत (अब नहीं रहे) भी कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा कर चुके हैं।
पाकिस्तानी आवाम को एक जोरदार मैसेज
पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने ‘दो राष्ट्र सिद्धान्त’ का राग अलाप कर भारत का बंटवारा करवाया। जिन्ना ने अपने फायदे के लिए भारत के राष्ट्रवादी मुसलमानों को ‘इस्लाम का गद्दार’ तथा ‘हिन्दुओं के भाड़े का टट्टू’ का कहा।
मुहम्मद अली जिन्ना की तर्ज पर ही पाकिस्तान के हुक्मरान और आतंकी आका शुरू से भारत के हिन्दू और मुसलमानों के बीच नफरत की खाई खोंदने का अवसर ढूंढते रहे हैं। बावजूद इसके पाकिस्तान के साथ हुए प्रत्येक युद्ध में भारत के जांबाज मुस्लिम सैनिकों ने अपने शौर्य का सुबूत दिया है।
अभी हाल में ही इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर-1’ नाम से एयर स्ट्राइक की है। इस एयर स्ट्राइक की प्रेस ब्रीफिंग कर्नल सोफिया कुरैशी ने की, इसके बाद यह महिला अफसर न केवल भारत बल्कि पाकिस्तानी अवाम में भी सुर्खियों में छा गई।
इसे भी पढ़ें : पाकिस्तान से कभी भी अलग हो सकता है बलूचिस्तान, जानते हैं कैसे?
भारत ने एयर स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर-1’ के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी के जरिए पाकिस्तान तथा उसकी आवाम को एक जोरदार संदेश दिया है। इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद साहब के वंशज हैं ‘कुरेशी’ लोग। पैगंबर मुहम्मद साहब भी कुरैशी जनजाति की बनू हाशिम शाखा से थे।जाहिर है कि कर्नल सोफिया कुरैशी भी पैगम्बर मोहम्मद साहब के वंश से सम्बद्ध रखती हैं।
पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी हत्या करने वाले पाकिस्तानी आतंकियों तथा पाकिस्तानी आवाम को भारत ने यह संदेश दिया है कि जिस धर्म का नाम लेकर तुम देश में नफरत फैलाने का काम रहे हो उसी धर्म के लोग भारत के साथ एकजुट होकर खड़े हैं।
भारत ने पाकिस्तान को यह एक जोरदार संदेश दिया है कि प्रत्येक भारतीय चाहे वह किसी जाति का हो, उसके लिए देश का मान और स्वाभिमान सबसे पहले है। भारत की तरफ जो भी आंख उठाने का दुस्साहस करेगा उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताजुद्दीन कुरैशी (सेवानिवृत्त कर्नल) का बयान प्रत्येक पाकिस्तानी को बड़े गौर से सुनना चाहिए। बकौल ताजुद्दीन कुरैशी-“हमारी सोच ‘वयम् राष्ट्रे जाग्रयाम’ की है यानि हम पहले भारतीय हैं, बाद में हिंदू या मुसलमान।”
ताजुद्दीन कुरैशी आगे कहते हैं कि मुझे अपनी बेटी पर गर्व है, मैंने जब उसे टीवी पर देखा तो थोड़ी देर के लिए भावुक हो गया। ताजुद्दीन कुरैशी ने कहा कि, पाकिस्तान एक गन्दा देश है। पाकिस्तान पर भारत को बहुत पहले ही कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
इसे भी पढ़ें : ऋग्वैदिक काल से लेकर आज तक सिन्धु नदी का रोचक इतिहास