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What does this book say about Pandit Nehru's relationship with American First Lady Jackie Kennedy

अमेरिकी फर्स्ट लेडी जैकी कैनेडी संग पं. नेहरू के रिश्तों पर क्या कहती है यह किताब?

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के रोमांस के किस्से अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। यदि हम उन छह चर्चित व खूबसूरत महिलाओं की बात करें जिनके साथ पं. नेहरू के आकर्षण की बात की जाती है, तो उनके नाम हैं- लेडी यूगिनी वॉवेल, लेडी एडविना माउंटबेटन, पद्मजा नायडू, मृदुला साराभाई, दिनेश नंदिनी, श्रद्धा माता। दोस्तों, अब उस सातवीं खूबसूरत व चर्चित महिला के साथ भी पं. नेहरू के रिश्तों का खुलासा हुआ है, जिसका नाम है जैकी कैनेडी।

जी हां, मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की पत्नी जैकी कैनेडी की ही बात कर रहा हूं। दरअसल अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ ब्रूस रीडेल की एक किताब इन दिनों चर्चा में है जिसका नाम है ‘JFK's Forgotten Crisis’। साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान हुई प्रमुख घटनाओं पर आधारित इस किताब में अमेरिकी फर्स्ट लेडी जैकी कैनेडी संग पं. नेहरू के रिश्तों पर भी खुलासा हुआ है। यदि आप जानना चाहते हैं कि जैकी कैनेडी के प्रति पं. नेहरू किस हद तक आकर्षित थे, तो यह रोचक स्टोरी अवश्य पढ़ें।

अमेरिकी फर्स्ट लेडी जैकी कैनेडी से  पं. नेहरू की मुलाकात

अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ ब्रूस रीडेल की किताब ‘JFK's Forgotten Crisis’ से पता चलता है कि अमेरिकी फर्स्ट लेडी जैकी कैनेडी व पं. नेहरू की पहली मुलाकात साल 1961 में हुई थी जब वह अमेरिकी दौरे पर गए। इसके बाद साल 1962 में जैकी कैनेडी अपनी बहन पैट कैनेडी के साथ 9 दिन की निजी यात्रा पर भारत आई थीं। ब्रूस रीडेल की किताब ‘JFK's Forgotten Crisis’ के अलावा बीके नेहरू की आत्मकथा 'नाइस गाइज़ फ़िनिश सेकेंड' से भी जैकी कैनेडी संग पं. नेहरू के कई रोचक किस्सों की जानकारी मिलती है।

साल 1961 में पं. नेहरू का अमेरिकी दौरा

भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू साल 1961 में अमेरिकी दौरे पर गए थे। ब्रूस रीडेल ने अपनी किताब ‘JFK's Forgotten Crisis’ में भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के बीच हुई चर्चा का विस्तार से वर्णन किया है। इस किताब में कई रोचक बातों का खुलासा किया गया है, जैसे- साल 1961 में पं. जवाहरलाल नेहरू जब अमेरिका गए थे तब राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने इस दौरे को अपने कार्यकाल का सबसे खराब राजकीय दौरा कहा था। इतना नहीं, जॉन एफ कैनेडी के सलाहकार व भारतीय दूतावास के अमेरिकी राजदूत गैल्ब्रेथ ने भी इस दौरे को लेकर कई बयान दिए थे। इन बातों से इतर ब्रूस रीडेल की किताब ‘JFK's Forgotten Crisis’ में जो नई बात खुलकर सामने आई है वो यह है कि प्रधानमंत्री नेहरू अपने इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के बजाय उनकी पत्नी जैकी कैनेडी में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे थे

साल 1962 में जैकी कैनेडी की भारत यात्रा

पं. नेहरू के अमेरिकी दौरे के ठीक एक साल बाद यानि 1962 ई. में जैकी कैनेडी अपनी बहन पैट कैनेडी के साथ 9 दिन की निजी यात्रा पर भारत आईं। इस दौरान जैकी कैनेडी ने प्रधानमंत्री आवास में एक रात रूकने के बाद विशेष रेलगाड़ी से आगरा की यात्रा की और फतेहपुरसीकरी तथा ताजमहल का दीदार किया। इसके बाद जैकी कैनेडी ने अपने ग्रुप संग ट्रेन से ही वाराणसी की भी यात्रा की और फिर वाराणसी से उदयपुर के लिए रवाना हो गईं। जैकी कैनेडी उदयपुर में महाराणा के महल में दो रात रुकीं। जैकी कैनेडी ने अपने पति जॉन एफ कैनेडी को पत्र में लिखा कि महाराणा का महल इतना भव्य है कि इसके एक विंग में पूरा का पूरा व्हाइट हाउस समा जाएगा

उदयपुर के बाद जैकी कैनेडी ने जयपुर की तरफ रूख किया क्योंकि महारानी गायत्री देवी और उनके पति महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय, ये दोनों ही जैकी कैनेडी की बहन पैट कैनेडी के निजी दोस्त थे। ऐसे में जयपुर में महारानी गायत्री देवी व उनके पति ने इन दोनों बहनों की खूब आवभगत की। जयपुर में रूककर जैकी कैनेडी व पैट कैनेडी ने आमेर फोर्ट का भ्रमण कियाइसके बाद दिल्ली लौट आईं।

जैकी कैनेडी संग पं. नेहरू के रोचक किस्से

जैकी कैनेडी की भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी दूतावास ने उनके ठहरने के लिए एक विला अलग से किराए पर लिया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने जोर देकर कहा कि जैकी कैनेडी प्रधानमंत्री निवास के एक विशेष अतिथि गृह में ही रूकें, दरअसल इसी विशेष गेस्ट रूम में ब्रिटेन के वायसराय माउण्टबेटेन की पत्नी लेडी एडविना रूका करती थीं। यह जगजाहिर है कि लेडी एडविना संग पं. नेहरू के बेहद करीबी रिश्ते थे क्योंकि आजादी के बाद भी लेडी एडविना भारत आती रहीं।

पं. नेहरू अमेरिकी फर्स्ट लेडी जैकी कैनेडी के प्रति इस कदर आकर्षित थे कि उन्होंने अपने घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक तस्वीर लगा रखी थी जिसमें वे जैकी कैनेडी के साथ टहल रहे थे। ऐसा कहा जाता है कि पं. नेहरू जैकी कैनेडी से ज्यादा उनकी 27 वर्षीय बहन पैट कैनेडी में कुछ ज्यादा रूचि ले रहे थे जो बेहद आकर्षक थी।

जैकी कैनेडी जब जयपुर से दिल्ली लौटीं तब अमेरिकी राजदूत गैल्ब्रेथ अपने यहां रात्रि भोज का आयोजन किया था, जिसमें पं. नेहरू भी शामिल हुए। अगले दिन जैकी कैनेडी की भारत यात्रा का अंतिम दिन था और संयोग से उस दिन होली थी। जैकी कैनेडी ने हमेशा की तरफ फैशनेबल कपड़े पहन रखे थे। पं. नेहरू होली खेलने के शौकीन थे ही अत: जैसे ही जैकी कैनेडी प्रधानमंत्री निवास पहुंची वहां एक चाँदी की ट्रे में छोटी-छोटी कटोरियों में कई रंगों के गुलाल उनके सामने पेश किए गए।

नेहरू ने जैकलीन के माथे पर गुलाल का टीका लगाया और फिर जैकी कैनेडी ने भी पं. नेहरू के माथे पर टीका लगाया। पं. नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने भी जैकी कैनेडी को गुलाल लगाया। पूर्व अमेरिकी राजदूत गैल्ब्रेथ ने भी लिखा है कि होली कार्यक्रम में अमेरिकी प्रथम महिला और नेहरू ने एक-दूसरे के माथे पर तिलक लगाया था। इस प्रकार होली के दिन ही पालम हवाई अड्डे पर जैकी कैनेडी को विदाई दी गई।

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