भोजन इतिहास

The very delicious dish Palak Paneer has a special connection with the Portuguese

बेहद लजीज व्यंजन पालक पनीर का पुर्तगालियों से है खास कनेक्शन

आज की तारीख में केवल उत्तर भारत ही नहीं बल्कि देश के सभी रेस्टोरेन्ट्स एवं होटलों में पालक पनीर की डिमांड जोरों पर है। भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान में भी पालक पनीर उतना ही पॉपुलर है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि शाकाहारी लोगों के ​लिए पालक पनीर एक ऐसा व्यंजन हैं जो मीट की तरह प्रोटीन से पूरिपूर्ण है। अत: वेजीटेरियन लोगों के लिए पालक पनीर किसी अमृत से कम नहीं है।

पालक की प्यूरी को अदरक, लहसुन, टमाटर, गरम मसाला, हल्दी, मिर्च पाउडर और जीरा के साथ भूनकर उसमें पनीर के ग्रिल्ड क्यूब्स को मिक्स किया जाता है। इस प्रकार लबाबदार पालक पनीर को रोटी, नान, पराठे या फिर बासमती चावल के साथ खाने का मजा ही कुछ और है। मुझे पता है, पालक पनीर का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ ही जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि पालक पनीर बनाने की शुरूआत कैसे हुई होगी? जी हां, आपका सोचना बिल्कुल लाजिमी है।

साग (पालक, मेथी, बथुआ, सरसों आदि की सब्जी) नामक स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की परम्परा भारत में प्राचीनकाल से चली आ रही है। यदि हम पनीर की बात करें तो इसे सर्वप्रथम पुर्तगालियों ने तैयार किया जो अरब व्यापारियों के साथ ईरान के रास्ते हमारे देश में आया। ऐसे में लजीज व्यंजन पालक पनीर का पुर्तगालियों से जुड़ा रोचक इतिहास जानने के लिए यह स्टोरी अवश्य पढ़ें।  

पनीर के पुर्तगाल से भारत पहुंचने की रोचक दास्तां

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुर्तगालियों की देन है पनीर। बतौर उदाहरण- साल 2024 में पुर्तगाल में भेड़ के दूध से निर्मित पनीर को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पनीर बताया गया। यदि हम हिन्दुस्तान की बात करें तो दक्कन में पुर्तगालियों के आने से वर्षों पहले ही उत्तर भारत में पनीर बनना शुरू हो चुका था।

दरअसल अरब के व्यापारी जो ईरान से मसालों की तलाश में भारत आए थे, उन्ही के साथ पनीर भी हमारे यहां आ चुका था। वहीं कुछ भोजन इतिहासकारों का मानना है कि कलकत्ता में रहने वाले पुर्तगालियों से बंगालियों ने पनीर बनाना सीखा जो कालान्तर में पूरे देश में लो​कप्रिय हो गया।

पनीर सामान्यतया भेड़ के दूध से तैयार किया जाता था जिसे तबरीज क​​हते थे। यदि हम मुगल इतिहास की बात करें तो अबुल फजल कृत अकबरनामा से पनीर का जिक्र मिलना शुरू हो जाता है।

भारत में पालक पनीर का इतिहास

दोस्तों, यदि हम सरसों के साग की बात करें तो इसका भोजन इतिहास तकरीबन दो हजार ईसा पूर्व में शुरू होता है। ऐसा उल्लेख मिलता है कि लोग मिट्टी के बर्तनों में याक के दूध के साथ कटी हुई सरसों की सब्जी तैयार करते थे। समय बदला और इसमें पालक मिलाया जाने लगा, जिसे आज हम सरसों का साग कहते हैं।

दरअसल साग करी बनाने की शुरूआत पंजाब से शुरू हुई क्योंकि यह राज्य अपनी उपजाऊ भूमि के लिए जाना जाता है। यहां की पत्तेदार सब्जियों में पालक, सरसों का साग और मेथी के पत्ते ​आदि साग के रूप में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। यह बात हम सभी जानते हैं कि सरसों का साग के लिए पंजाब काफी मशहूर है, यही वजह है कि यहां साग-पनीर ही मुख्य रूप से खाया जाता रहा है। चूंकि पालक अब हर जगह पूरे साल आसानी से उपलब्ध रहता है इसीलिए पालक पनीर तेजी से प्रचलन में आया।

पालक पनीर की सामग्री- एक किलो ताजा पालक, एक प्याज, दो टमाटर, आधा चम्मच जीरा पाउडर, आवश्यकतानुसार लाल मिर्च, एक चम्मच घी, लहसुन की कटी हुई चार-पांच कलियां, दो हरी मिर्च, जरूरत अनुसार नमक, ढाई सौ ग्राम पनीर और क्रीम। 

पालक पनीर बनाने की विधि

सबसे पहले हम ताजा पालक को अच्छी तरह धोकर उसे 5-6 तक मिनट उबालेंगे। इसके बाद उबले पालक को ठंडा होने के लिए रख देंगे। उबली हुई पालक के ठंडा हो जाने पर उसे 2 हरी मिर्च के साथ मिक्सर जार में डालकर पेस्ट बना लेंगे।

इसके बाद एक पैन में घी गर्म करके उसमें जीरा, लहसुन तथा अदरक का तड़का लगाएंगे। इसके बाद पहले से तैयार प्याज का पेस्ट डालकर इस पूरे मिक्सचर को एक से दो मिनट तक भूनेंगे। फिर इसमें टमाटर का पेस्ट डालकर 4 से 5 मिनट तक पकाएंगे। तत्पश्चात स्वादनुसार नमक और लाल मिर्च डालकर इस मिश्रण को पकाएंगे।

इसके बाद इसमें पालक का पेस्ट डालकर अच्छी तरह पका लेंगे। जब यह मिक्चर गाढ़ा होने लगे तब थोड़ा सा पानी डालकर पुन: पकाएंगे,  फिर इसमें पनीर के क्यूब्स डालेंगे। ध्यान रहे, पनीर के क्यूब्स को ज्यादा देर तक नहीं पकाना है। इस प्रकार पालक की ग्रेवी और पनीर के टुकड़ों को अच्छी तरह मिलाने के बाद कुछ मिनट तक पकाएंगे। जी हां, इस बेहद लजीज पालक-पनीर की सब्जी को अब आप नान, पराठा अथवा बासमती राइस के साथ सर्व कर सकते हैं।

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