भोजन इतिहास

Mysore Pak is the king of South Indian sweets, read its interesting history

दक्षिण भारत की मिठाईयों का राजा है मैसूर पाक, पढ़ें रोचक इतिहास

कर्नाटक के महानगर मैसूर में जन्मी दक्षिण भारत की सबसे प्रसिद्ध मिठाई मैसूर पाक न केवल हमारे देश बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी बेहद लो​कप्रिय है। मैसूर पाक को दक्षिण भारत में मिठाईयों का राजा कहा जाता है। वाडियार राजवंश के शाही महल से निकलकर दक्षिण भारतीय जनमानस की सबसे लोकप्रिय मिठाई बन चुकी मैसूर पाक को शुद्ध देशी घी, बेसन, इलायची  और चीनी के मिश्रण से तैयार किया जाता है।

दक्षिण भारतीय जनता के प्रत्येक मांगलिक उत्सवों जैसे- ​वैवाहिक कायक्रमों, गोद भराई एवं जन्मदिन के साथ ही अन्य सनातन संस्कारों में मैसूर पाक की उपस्थिति तकरीबन अनिवार्य रूप से देखी जा सकती है। बतौर उदाहरण- मैसूर का दशहरा उत्सव तकरीबन 10 दिनों तक चलता है, इस दौरान महिलाएं अपने घरों में तरह-तरह के पकवान तैयार करती हैं, परन्तु खाने की थाली में मैसूर पाक के बिना यह उत्सव अधूरा माना जाता है।

अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर में वाडियार वंश के किस राजा ने घी, चीनी, बेसन और इलायची से लबरेज मैसूर पाक को तैयार करवाया होगा और मैसूर पाक को किस शाही रसोइए ने तैयार किया होगा। मैसूर के अम्बा विलास पैलेस की शाही रसोई में जन्मी बेहद स्वादिष्ट मिठाई मैसूर पाक के रोचक इतिहास को जानने के लिए यह स्टोरी जरूर पढ़ें।

मैसूर की शाही रसोई से पैदा हुई मिठाई का नाम है मैसूर पाक

वा​डियार वंश के महाराजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ अपनी जनता के बीच राजर्षि अथवा संत राजा के रूप में लोकप्रिय थे। दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक कृष्णराज वाडियार चतुर्थ बेहतरीन व्यंजनों के भी शौकीन थे, ऐसे में उनका शाही रसोईया काकासुर मदप्पा उन्हें तरह-तरह के व्यंजन तैयार कर परोसता रहता ​था।

एक दिन कृष्णराज वाडियार चतुर्थ जब दोपहर का भोजन करने बैठे तो काकासुर मदप्पा को याद आया कि राजा साहेब के खाने के बाद परोसे जाने वाली मिठाई (डेसर्ट) तैयार करना तो वह भूल ही गया है। इसलिए कृष्णराज वाडियार चतुर्थ के शाही रसोईए काकासुर मदप्पा ने जल्दबाजी में चने के आटे, घी, चीनी और इलायची के मिश्रण से भरपूर एक नई मिठाई तैयार की।

इसके बाद जब राजा ने इस नई मिठाई को चखा तो वह इसके दीवाने हो गए। कृष्णराज वाडियार चतुर्थ के अपने शाही रसोईए से इस मिठाई का नाम पूछा तो उसे जल्दबाजी ने इसका नाम मैसूर पाका बता दिया। दरअसल पाका एक कन्नड़ शब्द है जिसका हिन्दी अर्थ होता है-मीठा मिश्रण। अत: मैसूर की शाही रसाई से निकली मिठाई मैसूर पाका को आज हम सभी मैसूर पाक से नाम से जानते हैं।

मैसूर पाक : शाही महल से जनता तक का सफर

कहते हैं कि महाराजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ को मैसूर पाक का स्वाद इतना पसन्द आया कि उन्होंने अपने शाही रसोइए काकासुर मदप्पा से अम्बा विलास पैलेस के परिसर में एक दुकान खोलने को कहा ताकि यह अतिस्वादिष्ट मिठाई जनता के बीच पहुंच सके।

फिर क्या था, त्यौहार के समय अम्बा विलास पैलेस के बाहर मैसूर पाक की दुकान लगने लगी और देखते ही इस मिठाई ने दक्षिण भारत में मिठाइयों के 'राजा' का दर्जा प्राप्त कर लिया। जैसे आजकल मैसूर पाक को पीस में बेचा जाता है, उन दिनों लोग मैसूर पाक को केक की तरह पूरा का पूरा खरीदते थे। कृष्णराज वाडियार चतुर्थ के शासनकाल में मैसूर पाक की कीमत तीन रुपए प्रति किलो थी।

स्वादिष्ठ मिठाई मैसूर पाक से जुड़ी कुछ खास बातें

मैसूर पाक बनाने के लिए जो पाका चाशनी तैयार की जाती है, उसकी कुशल कला कुछ ही रसोइए जानते हैं जिनमें से कुछ अपनी विधि को गुप्त रखते हैं।

मैसूर पाक में इस्तेमाल होने वाली पाका चाशनी को इलायची, गुलाब और शहद से तैयार किया जाता है।

मैसूर पाक की मूल रेसिपी का स्वाद आप देवराज मार्केट की प्रसिद्ध दुकान गुरु स्वीट्स से ले सकते हैं जिसे वाडियार वंश के शाही रसोइए काकासुर मदप्पा के परपोते कुमार और शिवानंद चलाते हैं।

शुद्ध देशी घी, बेसन, चीनी और इलायची की मात्रा से लबरेज मैसूर पाक में पानी की मात्रा बिल्कुल कम होती है।

मैसूर पाक का सेवन महीनेभर के अन्दर ही कर लेना चाहिए। मैसूर पाक को तरोताजा बनाए रखने के लिए इसे ठंडी और सूखी जगह पर रखें।

घी में भूने बेसन के कारण मैसूर पाक का रंग हल्का भूरा होता है।

यह मिठाई खाने में इतना नरम होती है कि मुंह में रखते ही घुल जाती है।

दक्षिण भारत के त्यौहारों तथा शादियों में मैसूर पाक की उपस्थिति अनिवार्य होती है।

कर्नाटक की खास मिठाई मैसूर पाक को जीआई टैग भी मिला हुआ है।

मैसूर पाक को टेस्ट एटलस (मशहूर फूड बेस्ड मैगजीन) द्वारा दुनिया की बेस्ट स्ट्रीट फूड मिठाइयों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है।

मैसूर पाक बनाने की विधि

मैसूर पाक की सामग्री- मात्रानुसार घी, तेल, बेसन, चीनी, इलायची, बेकिंग सोडा और पानी।

मैसूर पाक की रेसिपी- सबसे पहले एक पैन अथवा कड़ाही में घी अथवा तेल गरम करें। इसके बाद धीमी आंच पर बेसन को भून लें और 10 मिनट तक लगातार चलाते रहें। भूने हुए बेसन को ठंडा करने के लिए एक शीट पर समान रूप से फैलाएँ और इसे इसे एक तरफ रख दें।

इसके बाद किसी दूसरे पैन में चीनी, इलायची, गुलाब और शहद से पाका चाशनी तैयार करें। फिर पाका चाशनी में घी से भूने हुए बेसन को डालकर अच्छे से मिक्स करें। अब इस मिश्रण को धीमी आंच पर कुछ देर तक चलाते रहें फिर इसमें घी और तेल मिक्स करें। ध्यान रहे, बेसन का रंग सुनहरा होने तक धीमी आंच पर इसे पकाएं।

अब इस तैयार मिश्रण को एक पैन में डालकर सेट करें तथा जब यह हल्का ठंडा होने लगे तो चाकू की मदद से कट लगा लें। तत्पश्चात मैसूर पाक को सेट होने के लिए रूम टेंपरेचर पर रखें।

अब आपका मैसूर पाक खाने के लिए तैयार है। मैसूर पाक को सूखी और ठंडी जगह पर रखें, यदि आपके पास फ्रीज नहीं है तो इस मिठाई को 5-6 दिनों तक आसानी से परोसा जा सकता है।

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