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Karachi port destroyed by INS Vikrant's attack, Pakistan's back will be broken

INS विक्रांत के प्रहार से कराची पोर्ट तबाह, टूट जाएगी पाकिस्तान की कमर

दोस्तों, आपको याद दिला दें कि साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 4-5 दिसम्बर की रात इंडियन नेवी ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत कराची पोर्ट को भारी क्षति पहुंचाई थी। आईएनएस निपात के प्रहार से कराची पोर्ट की केमारी रिफाइनरी कई दिनों तक जलती रही।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार भी भारत-पाकिस्तान के युद्ध में भारतीय नौसेना के शक्तिशाली युद्धपोत आईएनएस विक्रान्त ने कराची पोर्ट पर भारी तबाही मचाई है। पाकिस्तान के मुख्य तेल आपूर्ति केन्द्र तथा नौसैनिक अड्डे वाले कराची पोर्ट पर हमले से पाकिस्तान को कितनी क्षति पहुंची होगी? यह जानने के लिए इस रोचक स्टोरी को जरूर पढ़ें।

आईएनएस विक्रांत का कराची पोर्ट पर तगड़ा प्रहार

पाकिस्तान के कराची में रातभर ब्लैक आउट रहा। इसके अतिरिक्त कराची पोर्ट पर 12 धमाकों की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना के विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रान्त ने कराची पोर्ट पर करारा प्रहार किया जिससे कराची पोर्ट के कई हिस्से पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं।

मीडिया खबरों के अनुसार, इंडियन नेवी के आईएनएस विक्रान्त तथा अन्य युद्धपोतों ने देर रात कराची पोर्ट के नौसैनिक बेस, ईंधन डिपो और सैन्य संपर्क केंद्रों पर जबरदस्त प्रहार किए। इंडियन नेवी ने आईएनएस विक्रान्त के जरिए मिसाइलों, टॉरपीडो तथा ड्रोन अटैक से हमला किया जिससे कराची पोर्ट को भारी क्षति पहुंची है।

आईएनएस विक्रान्त के इस आक्रामक प्रहार से पाकिस्तानी नौसेना को सम्भलने तक का मौका नहीं मिला। हांलाकि कराची पोर्ट को कितनी मात्रा में क्षति पहुंची है, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।

कराची पोर्ट के तबाह होते की बर्बाद हो जाएगा पाकिस्तान

बताया जा रहा है कि कराची के नौसैनिक बेस के साथ ही वहां के प्रमुख जहाजों तथा सैन्य सामग्री को भी काफी क्षति पहुंची है। सबसे बड़ी बात कि कराची पोर्ट के ईंधन डिपो में आग लगने से बड़े विस्फोट हुए हैं। लिहाजा पाकिस्तान की चेन सप्लाई ​ठप्प हो चुकी है। यहां तक कि सम्पर्क प्रणाली भी ध्वस्त हो चुकी है।

बता दें कि कराची पोर्ट पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण एवं व्यस्ततम बन्दरगाह है। कराची पोर्ट से तकरीबन ढाई करोड़ टन के सामान का वार्षिक व्यापार होता है जो पाकिस्तान के कुल व्यापार का तकरीबन 60 फीसदी है।

उपरोक्त तथ्यों से आप अन्दाजा लगा सकते हैं कि कराची पोर्ट की बर्बादी से पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को कितना बड़ा धक्का लगेगा। हांलाकि आर्थिक नुकसान के आंकड़े अभी तक सामने नहीं आए हैं बावजूद इसके जो खबरे सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक पाकिस्तान को अरबों डॉलर के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस क्षति के बाद पहले से ही विश्व बैंक और चीन से कर्जें की मांग कर रहा पाकिस्तान और कितना कर्ज मांगेगा।

अरब सागर में तैनात है आईएनएस विक्रांत

भारत के रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इंडियन नेवी ने कराची पोर्ट पर हमला करके पाकिस्तान सैन्य क्षमता, अर्थव्यवस्था तथा उसके मनोबल को एक साथ तोड़ने का प्रयास किया है। कराची पोर्ट न केवल पाकिस्तान के तेल आपूर्ति का केन्द्र है बल्कि महत्वपूर्ण नौ​सैनिक अड्डा भी है। ऐसे में आईएनएस विक्रान्त के जरिए कराची पोर्ट को तबाह कर करके भारत ने पाकिस्तान को एक जोरदार झटका दिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही इंडियन नेवी ने अपने स्ट्राइक शिप आईएनएस विक्रान्त को अरब सागर में करवर तट के पास तैनात कर रखा था। युद्धपोत आईएनएस विक्रान्त के साथ एक विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज को भी शामिल किया गया था।

आईएनएस विक्रांत की ताकत

अब आप सोच रहे होंगे कि 20 हजार करोड़ की लागत से बने आईएनएस विक्रांत आखिर में कितना ताकतवर युद्धपोत है। आईएनएस विक्रांत इंडियन नेवी का अबतक का सबसे बड़ा और शक्तिशाली युद्धपोत है, इसका कुल वजन 45 हजार टन है जबकि यह वारशिप 262 मीटर लम्बा तथा 62 मीटर चौड़ा है।

इस युद्धपोत पर 30 एयरक्राफ्ट एक साथ तैनात किए जा सकते हैं। इसके साथ ही यह इंडियन एयरफोर्स के कई लड़ाकू विमानों तथा हेलिकॉप्टर्स को लेकर चल सकता है। पाकिस्तानी के समुद्र तटीय ठिकानों पर हमला करने में सक्षम वारशिप आईएनएस विक्रान्त अत्याधुनिक हथियारों- बराक, ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस है। इसके अतिरिक्त यह युद्धपोत बड़ी रेन्ज की मिसाइलों से भी युक्त है जो दुश्मन के किसी भी लक्ष्य को आसानी से नष्ट कर सकता है।

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