महात्मा गांधी (मोहनदास करमचन्द गांधी) का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबन्दर स्थान पर हुआ था। ऐसे में हर साल 2 अक्टूबर को पूरे देश में महात्मा गांधी की जयन्ती हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। महात्मा गांधी को भारतवासी प्यार से बापू (राष्ट्रपिता) कहते हैं। भारतीय मुक्ति संग्राम के दौरान साल 1919 से लेकर 1948 तक महात्मा गांधी इस कदर छाए रहे कि इस युग को भारतीय इतिहास में ‘गांधी युग’ कहा जाता है।
शांति और अहिंसा के दूत महात्मा गांधी का संदेश पूरे विश्व के लिए है और उससे मानव जाति प्रभावित हुई। सत्य के सच्चे पुजारी के रूप में महात्मा गांधी का विश्वास था कि सत्य ईश्वर है और ईश्वर सत्य है। ईश्वर प्रेम है और प्रेम ही ईश्वर है। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को अपने स्वप्नों के नवीन समाज का आधार बनाया।
महात्मा गांधी के निधन के 76वर्ष बीत चुके हैं बावजूद इसके अभी भी विश्व के हर कोने में उनका व्यापक प्रभाव है। दुनिया की हर महान हस्ती ने महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और उनके विचारों से प्रभावित होकर कुछ ना कुछ सारगर्भित टिप्पणी जरूर की है। यही वजह है कि अमेरिका, साउथ अफ्रीका और नीदरलैण्ड्स सहित दुनिया के 87 देशों में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित है।
इतना ही नहीं, यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि केवल भारत ही नहीं अपितु ईरान, रोम, सीरिया, मोरक्को, अमेरिका, युगांडा और मॉरीशस सहित दुनियाभर के तकरीबन 151 देशों में महात्मा गांधी के सम्मान में 300 से अधिक डाक टिकट जारी किए जा चुके हैं। इस स्टोरी में हम आपको महात्मा गांधी के सम्मान में जारी किए गए डाक टिकटों के रोचक इतिहास की जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे।
महात्मा गांधी के नाम पर जारी किए डाक टिकटों का रोचक इतिहास
1- गांधी वर्ल्ड फाउंडेशन के मुताबिक, महात्मा गांधी पर पहला डाक टिकट 2 अक्टूबर, 1947 को जारी करने की योजना बनाई गई थी।
2- प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गहरी दिलचस्पी पर नासिक स्थित इंडिया सिक्योरिटी प्रेस को 4 टिकटों का एक सेट तैयार करने का काम सौंपा गया था।
3-मूल योजना यह थी कि जनवरी 1948 में महात्मा गांधी को चित्रित करते हुए टिकटों का एक सेट जारी किया जाएगा।
4- 30 जनवरी 1948 को गांधीजी की हत्या के कारण इन डाक टिकटों को जारी करने में देरी हो गई।
5-महात्मा गांधी पर पहला डाक टिकट भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के एक वर्ष बाद 15 अगस्त 1948 को ही जारी किया जा सका।
6-सबसे खास बात यह है कि स्वेदशी का नारा बुलन्द करने वाले महात्मा गांधी पर डाक टिकटों की पहली सीरीज स्विट्जरलैंड में मुद्रित की गई थी।
7- भारत के स्वतंत्रता दिवस की पहली वर्षगांठ (15 अगस्त 1948) के अवसर पर महात्मा गांधी को भारत के डाक टिकटों पर चित्रित होने वाले पहले भारतीय के रूप में सम्मानित किया गया।
8-सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में डाक टिकट पर हिंदी और उर्दू भाष में ‘बापू’ शब्द मुद्रित किया गया था।
9- महात्मा गांधी पर सर्वप्रथम 1.5 आना, 3.5 आना, 12 आना और 10 रुपए मूल्य के चार डाक टिकट जारी किए गए।
10- महात्मा गांधी पर जारी किया गया 10 रुपए का डाक टिकट बहुत भारत के सबसे प्रसिद्ध टिकटों में से एक तथा ऊंची कीमत का था, जो भारत में आम लोगों की पहुंच से बाहर था।
11-भारत के अतिरिक्त ईरान, रोम, सीरिया, मोरक्को, अमेरिका, युगांडा और मॉरीशस सहित दुनियाभर के तकरीबन 151 देशों में महात्मा गांधीजी पर 300 से अधिक डाक टिकट जारी किए जा चुके हैं।
12- अमेरिका विश्व का ऐसा पहला बाहरी देश है जिसने 26 जनवरी 1961 को महात्मा गांधी के सम्मान में दो विशेष डाक टिकट जारी किए।
13- अमेरिका के बाद कांगो ऐसा दूसरा देश है जिसने 1967 में महात्मा गांधी के सम्मान में डाक टिकट जारी किया।
14- महात्मा गांधी के सम्मान में पोस्ट कार्ड जारी करने वाला पहला देश पोलैंड है।
15- साल 1968 में इंग्लैंड ने महात्मा गांधी पर स्मारक डाक टिकट निकाला।
16- महात्मा गांधी (बापू) की जन्म शताब्दी पर 1969 में दुनिया के लगभग 50 देशों ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किए।
17- ग्रेट ब्रिटेन में महात्मा गांधी ऐसे पहले बाहरी व्यक्ति हैं जिन्हें अंग्रेजी टिकटों पर चित्रित किया गया है।
18- महात्मा गांधी से पूर्व ब्रिटेन के डाक टिकटों पर सिर्फ़ शाही परिवार के सदस्यों की तस्वीरें छपी थीं।
19-महात्मा गांधी के चित्र वाले चार दुर्लभ टिकटों का एक सेट (दांडी यात्रा और नमक सत्याग्रह वाली फोटो) ब्रिटेन में एक नीलामी में रिकॉर्ड 500,000 पाउंड में बिका।
20- भारत के अलावा गांधी स्मृति लिफाफा जारी करने वाला पहला देश रोमानिया था।
21-महात्मा गांधी के सम्मान में संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर 2009 को डाक टिकट जारी किया था।
22- साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी के सम्मान में संयुक्त राष्ट्र डाक टिकट जारी किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेता शामिल थे।
23- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में डोमिनिकन रिपब्लिक ने डोमिनिकन टिकट जारी किया जिसमें महात्मा गांधी को मार्टिन लूथर किंग, अल्बर्ट आइंस्टीन और रूजवेल्ट के साथ दिखाया गया है।
24- एंटीगुआ और बारबुडा में भी महात्मा गांधी के नाम पर 2 स्टाम्प सेट जारी किए जा चुके हैं।
25- महात्मा गांधी पर जारी डाक टिकटों में चरखे वाले चित्र ने सबसे ज़्यादा जगह पाई।
26- महात्मा गांधी पर जारी अन्य डाक टिकटों में ‘रघुपति राघव राजा राम’ सहित गांधीजी की अन्य छवियों को भी स्थान मिला।
27- महात्मा गांधी की ओड़िशा की प्रथम यात्रा के सौ वर्ष पूरे होने पर 23 मार्च 2021 को भारतीय डाक ने एक टिकट जारी किया जिसमें गांधीजी के साथ कस्तूरबा का चित्र अंकित किया गया।
28- भारतीय डाक विभाग ने सात दशकों में गांधीजी पर दस नियत टिकट निकाले हैं।
29- महात्मा गांधी के 85 स्मारक डाक टिकटों पर उनका सन्देश देखने को मिलता है।
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30- महात्मा गांधी पर जारी नियत डाक टिकट आम उपयोग के लिए बड़ी संख्या में छापे जाते हैं जबकि स्मारक टिकट सीमित संख्या में विशेष अवसरों पर जारी किये जाते हैं।
31- साल 1948 से लेकर 1994 तक के डाक-टिकटों में महात्मा गांधी की बहुप्रचलित वृद्ध छवि ही देखने को मिलती है।
32- साल 1995 में भारतीय डाक टिकटों पर पहली बार युवा गांधी के चित्र छपे।
33- साल 1998 में गांधी के पुण्यतिथि की पचासवीं वर्षगांठ पर जारी डाक टिकटों पर गुजराती पगड़ी पहने युवा गांधी के चित्र अंकित किए गए।
34- साल 2007 में दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह पर निकाले गये डाक टिकट पर एक बार फिर से युवा गांधी का चित्र देखने को मिला।
35- साल 1986 में भारतीय पुलिस की 125वीं जयंती के अवसर पर जारी किए गए डाक टिकट पर महात्मा गांधी के प्रार्थना सभा (21अगस्त 1947) का चित्र छपा।
36- साल 1994 में खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाईब्रेरी, पटना के प्रथम आवरण दिवस पर जारी किए डाक टिकट पर महात्मा गांधी के चिठ्ठी के कुछ अंश चित्रित किए गए।
37- साल 1967 और 1969 ई. में जारी डाक टिकटों पर गांधी के साथ कस्तूरबा के अतिरिक्त पं. नेहरू भी नजर आए।
38- साल 1973 में स्वतंत्रता संग्राम की पच्चीसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘गांधी और नेहरू’ पर एक डाक टिकट जारी किया गया।
39- साल 1979 में अन्तराष्ट्रीय बाल वर्ष पर महात्मा गांधी को बच्चे के साथ दिखाया गया।
40- साल 1983 में भारतीय डाक टिकटों पर एक बार फिर से नेहरू और गांधी साथ-साथ नजर आए।
41- देश में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तब 1978 में महात्मा गांधी पर जारी डाक टिकटों पर उनके साथ चार्ली चैपलिन को भी दिखाया गया।
42- भारतीय गणतंत्र के पचास वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी डाक टिकट एक मात्र ऐसा टिकट है जिस पर गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया गया है।
43- साल 2001 में जारी दो डाक टिकटों के सी-टेनेंट पर गांधीजी को ‘सहस्त्राब्दी पुरुष’ की संज्ञा दी गई।
44- साल 2008 में मानवाधिकारों की घोषणा के 60 वर्ष पूरे होने पर जारी किए डाक टिकटों पर महात्मा गांधी को अब्राहम लिंकन, मार्टिन लूथर किंग और मदर टेरेसा के साथ चित्रित किया गया।
45- साल 2015 में महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी किए डाक टिकट पर गांधी के साथ कस्तूरबा भी अपने युवा रूप में नजर आईं।
46- साल 2015 से जारी डाक टिकटों पर गांधीजी को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के साथ भी जोड़ा गया।
47- साल 2017 में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा शताब्दी दिवस पर जारी टिकट में हिन्दी भाषा के प्रसार में गांधीजी की भूमिका को दर्शाया गया।
48- साल 2017 में चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी पर जारी डाक टिकट पर महात्मा गांधी के साथ कस्तूरबा भी नजर आईं।
49- साल 2018 में जारी वृत्ताकार डाक टिकटों पर गांधीजी का नाम नौ भारतीय भाषाओं में लिखा हुआ था।
50- साल 2019 में गांधीजी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में सर्वप्रथम अष्टकोणीय डाक टिकट जारी किए गए जिन पर गांधीजी के बचपन से लेकर महात्मा बनने तक का सफर चित्रित किया गया।
51- साल 2020 में जारी डाक टिकट पर महात्मा गांधी के चरखे के माध्यम से आत्मनिर्भरता लाने का सन्देश दिया गया।
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