
दलितों और मजलूमों के मसीहा डॉ. भीमराव आम्बेडकर को लोग ‘बाबा साहब आम्बेडकर’ भी कहते हैं। भारतीय संविधान के निर्माता, देश के पहले कानून और न्याय मंत्री, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक और प्रख्यात समाज सुधारक डॉ. भीमराव आम्बेडकर आधुनिक भारत के ऐसे महान व्यक्ति हैं जिनके बारे में महात्मा गांधी के बाद सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा गया है।
भारतीय संविधान के जनक कहे जाने वाले डॉ. भीमराव आम्बेडकर की विद्वता और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में भारतीय युवाओं के बीच आए दिन चर्चा होती रहती है। दोस्तों, सोशल मीडिया तथा तमाम वेबसाइट्स पर यह बात बड़े दावे के साथ लिखी देखने को मिलती है कि डॉ. भीमराव आम्बेडकर के पास 32 शैक्षणिक डिग्रियां थीं। इस रोचक स्टोरी में हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि इस दावे में आखिर कितनी सच्चाई है?
डॉ. आम्बेडकर की 32 शैक्षणिक डिग्रियों से जुड़ा असली सच
सबसे पहले तो किसी भी आधिकारिक अथवा सरकारी दस्तावेज में डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 32 शैक्षणिक डिग्रियों से जुड़े तथ्य का उल्लेख नहीं किया गया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जीवनी लिखने वाले तीन प्रमुख लेखकों चांगदेव खैरमोडे (बाबा साहब डॉ.भीमराव आम्बेडकर : जीवन और चिन्तन), धनन्जय कीर (डॉ. बाबा साहब आम्बेडकर : जीवन और मिशन) तथा बी.सी. काम्बले (समग्र आम्बेडकर चरित्र) ने अपने इन चर्चित ग्रन्थों के किसी भी पृष्ठ पर बाबा साहब की 32 शैक्षणिक डिग्रियों वाले तथ्य का दावा नहीं किया है।
यही नहीं, डॉ. भीमराव आम्बेडकर की हिन्दी विकिपीडिया में भी उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन किया गया है परन्तु उनकी 32 शैक्षणिक डिग्रियों की चर्चा कहीं नहीं की गई है।
डॉ. भीमराव आम्बेडकर की शैक्षणिक डिग्रियों की वास्तविक संख्या
यदि हम बाबा साहब की वास्तविक शैक्षणिक डिग्रियों की बात करें तो उनके पास तकरीबन आठ अथवा नौ शैक्षणिक डिग्रियां थीं, जो निम्नलिखित हैं—
- बी.ए. (अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान), मुम्बई विश्वविद्यालय, 1912 ई.
- एम.ए. (अर्थशास्त्र), कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, यूएसए, 1915 ई.
- एम.ए. (अर्थशास्त्र), कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, यूएसए, 1916 ई.
- पीएच.डी (अर्थशास्त्र), कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, यूएसए, 1917 ई.
- एमएस.सी (अर्थशास्त्र), लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स, यूके, 1921 ई.
- डी.एससी (अर्थशास्त्र), लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स, यूके, 1923 ई.
- बार-एट-लॉ (कानून), ग्रेज इन्न, लन्दन, यूके, 1923 ई.
- एल.एल.डी (ऑनरेरी), कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, यूएसए, 1952 ई.
- डी.लिट (ऑनरेरी), उस्मानिया यूनिवर्सिटी, इंडिया, 1953 ई.
विशेष—कुछ विद्वानों का मानना है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने दो बार एम.ए. किया था लेकिन कुछ लोगों का ऐसा विश्वास है कि उनके पास एम.ए. की केवल एक शैक्षणिक डिग्री थी।
बाबा साहब के अद्भुत ज्ञान और स्कॉलरशिप से अलग यदि उनके शैक्षणिक डिग्रियों की बात की जाए तो वे आठ अथवा नौ शैक्षणिक डिग्रियों के मालिक थे। ऐसे में यह कहना कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के पास कुल 32 शैक्षणिक डिग्रियां थीं, यह तथ्य पूरी तरह से झूठ अथवा गलत है।
बाबा साहब आम्बेडकर की विद्वता से जुड़ी महान उपलब्धियां
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर की आत्मकथा ‘वेटिंग फॉर वीजा’ (महज 20 पृष्ठों की) को कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में बतौर पाठ्यपुस्तक शामिल किया गया है।
— बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर भारत के एकमात्र व्यक्ति हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगाई गई है।
— आम्बेडकर जयंती की शुरूआत सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन सदाशिव रणपिसे के द्वारा सर्वप्रथम 14 अप्रैल 1928 ई. को पुणे में की गई थी।
— ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की डिग्री हासिल करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति थे डॉ. भीमराव आम्बेडकर।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर के तीन गुरु थे - भगवान बुद्ध, कबीर और महात्मा ज्योतिबा फूले। इन तीनों से बाबा साहब को ज्ञान, आत्मसम्मान और चरित्र की सीख मिली।
— 14 अप्रैल 1891 ई. को जन्मे डॉ. भीमराव आम्बेडकर का नाम पहले ‘भीमराव रामजी सकपाल’ था लेकिन एक ब्राह्मण शिक्षक महादेव आम्बेडकर के कहने पर उन्होंने अपने नाम के आगे ‘आम्बेडकर’ जोड़ लिया।
— डॉ. आम्बेडकर ने अपनी पहली पत्नी रमाबाई के निधन के बाद डॉ. सविता आम्बेडकर से शादी की जो जन्म से ब्राह्मण थीं, उनका असली नाम शारदा कबीर था।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर के इकलौते पुत्र का नाम यशवन्तराव आम्बेडकर था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यशवन्तराव आम्बेडकर महज दसवीं पास थे।
— बड़ौदा के तत्कालीन महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ ने डॉ. भीमराव आम्बेडकर को तीन वर्ष के लिए 11.50 डॉलर प्रति माह स्कॉलरशिप देना शुरू किया जिसकी मदद से आम्बडेकर का कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में अध्ययन सम्भव हो सका।
— कोलम्बिया से लौटने के पश्चात डॉ. आम्बेडकर को पहली बार बड़ौदा राज्य के लेजिस्लेटिव असेंबली का सदस्य बनाया गया।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर को साल 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने 7 नवंबर 1900 ई. को अंग्रेजी की पहली कक्षा में प्रवेश लेकर अपनी शिक्षा की शुरूआत की थी, इसलिए प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को महाराष्ट्र में ‘विद्यार्थी दिवस’ मनाया जाता है।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने दलित अधिकारों की रक्षा के लिए मूकनायक, बहिष्कृत भारत, समता, प्रबुद्ध भारत और जनता जैसी पांच पत्रिकाएं निकालीं।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने ‘शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन’ की स्थापना की। इसके साथ ही ‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’ का गठन किया।
— भारत के तिरंगे झण्डे में अशोक चक्र को शामिल करने का श्रेय डॉ. भीमराव आम्बेडकर को जाता है।
— 09 भाषाओं के जानकार डॉ. आम्बेडकर विदेश में अर्थशास्त्र में पीएचडी करने वाले प्रथम भारतीय थे।
— डॉ. भीमराव अंबेडकर के पास 32 नहीं बल्कि आठ अथवा नौ शैक्षणिक डिग्रियां थीं।
— डॉ. आम्बेडकर की पहली प्रतिमा उनके जीवनकाल में ही 1950 ई. में कोल्हापुर शहर में बनाई गई थी।
— भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव आम्बेडकर स्वयं कभी लोकसभा चुनाव (1952 और 1954 ई.) नहीं जीत पाए।
— डॉ. आम्बेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 ई. को दीक्षाभूमि (नागपुर) में बौद्ध धर्म ग्रहण किया, जिसे ‘धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस’ के रूप में जाना जाता है।
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर का मशहूर कथन- “यदि मुझे लगेगा कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है तो सबसे पहले मैं इस संविधान को ही जलाऊंगा।”
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर का मशहूर कथन- “शिक्षा शेरनी का दूध है जो जितना पीएगा वो उतना ही दहाड़ेगा।”
— बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर के तीन मूल मंत्र— “शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो।”
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर का अतिचर्चित विचार- “जीवन लंबा होने की बजाए महान होना चाहिए।”
— डॉ. भीमराव आम्बेडकर की पांच प्रख्यात पुस्तकों के नाम— 1. जाति का विनाश 2.गांधी और अछूतों का उद्धार 3. कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिए क्या किया? 4. अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासंग 5. भारत में जातियां: उनका तंत्र,उत्पत्ति और विकास।
— डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से पीड़ित डॉ. भीमराव आम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसम्बर 1956 ई. को दिल्ली स्थित उनके आवास पर नींद के दौरान हुई थी।
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