
भारत के अनेक शाही किले न केवल अपनी वास्तुकला के लिए विख्यात हैं बल्कि सुल्तानों, बादशाहों, राजाओं अथवा निजामों की ऐतिहासिक विरासत की गौरव गाथा बयां करते हैं।
भारत के कुछ ऐसे शाही किले भी हैं, जो राजपरिवारों के प्रयत्नों से शानदार लग्जरी होटल में तब्दील हो चुके हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि विश्वस्तरीय लग्जरी होटल्स में तब्दील हो चुके हमारे देश के ये शानदार किले अपनी भव्यता एवं शाही विरासत के चलते मेहमानों को बेहद आकर्षित करते हैं।
इस स्टोरी में हम आपको लग्जरी होटल में तब्दील हो चुके है भारत के उन 12 शाही किलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनियाभर के पयर्टकों में पॉपुलर हो चुके हैं।
1- अहिल्या फोर्ट, महेश्वर
नर्मदा नदी के किनारे स्थित 325 वर्ष पुराने महेश्वर किले को अहिल्या फोर्ट भी कहा जाता है। अहिल्या फोर्ट अपनी अद्भुत नक्काशी और सुन्दरता के लिए पूरे देश में विख्यात है। महेश्वर स्थित इस किले का निर्माण 1700 ई. में होलकर स्टेट की महारानी देवी अहिल्या बाई होलकर ने करवाया था। अहिल्या फोर्ट न केवल होलकर राजवंश बल्कि पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई की गौरव गाथा का वर्णन करता है।
अहिल्या फोर्ट होटल
साल 2000 में होलकर वंश के प्रिन्स रिचर्ड होलकर ने अहिल्या वाड़ा स्थित अपने महल को लग्जरी होटल में तब्दील कर दिया जो दुनियाभर में अहिल्या फोर्ट होटल के नाम से विख्यात है। अहिल्या फोर्ट का यह लग्जरी होटल अपनी विश्वस्तरीय सुविधाओं के लिए विख्यात है।
अहिल्या फोर्ट होटल की छह इमारतों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त कुल 19 कमरे हैं जिसमें से 2 रॉयल सूट हैं, जिसकी बालकनी से महेश्वर की खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं। इस लग्जरी होटल के प्रत्येक कमरों से मां नर्मदा की खूबसूरती नजर आती है।
इस लग्जरी होटल की सबसे खास बात यह है कि यहां बनाई जाने वाली मौसमी सब्जियां और सलाद आदि इसी किले के जैविक गार्डन में उगाई जाती हैं। अहिल्या फोर्ट में एक तरफ छोटा सा चिड़ियाघर भी है, जहां बच्चे खरगोशों, बत्तखों और बकरियों के साथ खेलना पसंद करते हैं।
2- जाधवगढ़ फोर्ट, पुणे
पुणे स्थित जाधवगढ़ फोर्ट का निर्माण साल 1710 ई. में छत्रपति शिवाजी के एक सैन्य प्रमुख पिलाजी जाधवराव ने करवाया था। जाधवगढ़ फोर्ट अपने गुप्त मार्ग, कालकोठरी, हरे-भरे घास के मैदान, तोपों तथा बन्दूकों के साथ ही मराठा वैभव की कहानियों से परिपूर्ण नजर आता है।
जाधवगढ़ फोर्ट को मराठा युग की कलाकृतियों से सुसज्जित किया गया है, जबकि इसके कुछ कमरे किले की मूल पत्थर की दीवार का ही हिस्सा हैं। जाधवगढ़ फोर्ट को साल 2007 में विख्यात होटल व्यवसायी विट्ठल कामत ने एक शानदार पांच सितारा हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया। पुणे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 34 मिनट की ड्राइव पर मौजूद जाधवगढ़ फोर्ट होटल के कमरों में अतिरिक्त शुल्क पर वाई-फाई सुविधा भी मिलती है।
इस होटल के कमरों को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि बारिश के दौरान आप प्राकृतिक स्नान का भी आनन्द ले सकें। इसके अतिरिक्त ऊँचे छत वाले प्रत्येक कमरों में बाथटब, कांच के बाथरूम एवं निजी बालकनी मौजूद हैं।
किले में मौजूद स्वीमिंग पूल के किनारे फ्रींगापानी के वृक्षों की ठण्डी हवा और सफेद-पीले फूलों की भीनी खुसबू सुखद अनुभव कराते हैं। इस फोर्ट में एक संग्रहालय भी है जहां 18वीं शताब्दी के बेहरीन संग्रह प्रदर्शित हैं जैसे- पीतल के बर्तन, बैलगाड़ी, पालकी, गोला-बारूद, तंजौर पेंटिंग और अलंकृत दरवाजे आदि।
रात का खाना खुले में परोसा जाता है जहां गांव की महिलाएं अपने हाथों से भाकरी (हाथ की रोटी) और कोम्बाडी वड़े (पांच अनाज की तली हुई पूरियां) तथा कोल्हापुरी मटन तैयार करती हैं। लाइव संगीत माहौल को और भी शानदार बना देता है।
3-फोर्ट राजवाड़ा, जैसलमेर
राजस्थान का जैसलमेर शहर अपनी ऐतिहासिक विरासत, मनभावन लोक संगीत तथा वास्तुकला के चलते देशभर के पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है। बतौर उदाहरण- जैसलमेर स्थित फोर्ट राजवाड़ा इस राज्य के सबसे खूबसूरत हेरिटेज होटलों में से एक है।
लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित इस फोर्ट के प्रत्येक कमरे हाथों से बनाई गई पेटिंग्स और भित्ति चित्रों से सुसज्जित हैं। जैसलमेर का पांच सितारा होटल फोर्ट राजवाड़ा सैलानियों को राजसी वैभव प्रदान करता है। फोर्ट राजवाड़ा के रॉयल सुइट्स की शाही लाइफ स्टाइल थार के मनोरम दृश्यों के साथ एक असाधारण प्रवास सुनिश्चित करते हैं।
4-नीमराना फोर्ट पैलेस
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित नीमराना फोर्ट पैलेस पिछले पांच शताब्दियों से बेहतरीन हेरिटेज रिसॉर्ट्स के रूप में स्थान बनाए हुए है। अरावली की पहाड़ियों पर स्थित नीमराना फोर्ट का निर्माण साल 1464 में पृथ्वीराज चौहान के वंश द्वारा करवाया गया था।
नीमराना फोर्ट को साल 1986 में एक लग्जरी होटल में तब्दील कर दिया गया। अरावली पहाड़ी के ऊपर 10 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले 10 मंजिले नीमराना फोर्ट के लग्जरी होटल में कुल 76 कमरे हैं। नीमराना फोर्ट हेरिटेज रिसॉर्ट्स के चारों तरफ हैंगिग गार्डन, दो पूल और सुसज्जित कमरों की सजावट में अंग्रेजी दौर की झलक साफ देखी जा सकती है।
नीमराना फोर्ट पैलेस का आनन्द लेने के लिए जुलाई से मार्च का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। नीमराना फोर्ट स्थित देवा महल, उमा विलास, हारा महल, चंद्र महल, फ्रांसिसी महल और शीला महल बेहद दर्शनीय हैं। नीमराना फोर्ट पैलेस जाएं तो नीमराना की बावड़ी, सरिस्का नेशनल पार्क, अलवर किला, विनय विलास महल और सिलीसेढ़ झील जाना कत्तई ना भूलें।
5-अलीला फोर्ट, बिशनगढ़
अरावली की पहाड़ी पर स्थित अलीला फोर्ट, बिशनगढ़ जयपुर राजघराने की वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। अलीला फोर्ट होटल का डिजाइन ब्रिटिश और मुगल स्थापत्यकला से प्रेरित है।
अलीला फोर्ट, बिशनगढ़ एक योद्धा किला है जिसे फरवरी 2017 में एक लग्जरी रिसॉर्ट में तब्दील कर दिया गया। इस मध्ययुगीन किले को लग्जरी होटल में तब्दील करने में सात-आठ साल लग गए थे।
अलीला फोर्ट ऊंचाई पर है, अत: ग्रामीण राजस्थान का व्यू दिखाने के लिए फोर्ट में बड़ी खिड़कियों का निर्माण करवाया गया। अलीला फोर्ट होटल में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित तकरीबन 59 लग्जरी सुइट्स हैं और प्रत्येक कमरे की डिजाइन अलग-अलग है। इस फोर्ट में इनडोर स्पेशल रेस्तरां अमरसर, आउटडोर टैरेस रेस्तरां नजरा, मधुवेनी बार और कछवा लाउंज बना हुआ है। फोर्ट के तहखाने में ग्रनाइट चट्टानों से निर्मित एक शानदार स्पा भी है।
6- मेहरानगढ़ किले के नीचे रास होटल
जोधपुर का मेहरानगढ़ किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है। विशाल दीवारों से संरक्षित इस किले में सात शाही दरवाजे हैं। मेहरानगढ़ किले के नीचे स्थित रास होटल जोधपुर का पहला बुटीक होटल है।
लाल बलुआ पत्थर से निर्मित इस होटल की हवेलियां 18वीं शताब्दी की निर्मित हैं जिन्हें मॉर्डन स्वरूप प्रदान किया गया है। इस होटल में एक केंद्रीय स्विमिंग पूल, एक स्पा, बारादरी डाइनिंग पैवेलियन, कैफे और अल-फ्रेस्को टेरेस भी है।
रास होटल में कुल 39 कमरे हैं जिनमें से सात सुइट्स कमरे हैं जो बैठक कक्ष, बड़ी बालकनी और बाथरूम से लैश हैं। 35 कमरों से मेहरानगढ़ किले का नजारा ले सकते हैं, बाकी 4 कमरों में निजी गार्डन हैं जहां से पुरानी और नई इमारतों का दृश्य नजर आता है।
7-चणौद गढ़
राजस्थान का चणौद गढ़ फोर्ट तकरीबन 300 साल पुराना है, हांलाकि संरचना में कई बदलावों के बावजूद यह किला अभी अपने मूल स्वरूप में है। जोधपुर से 120 किमी. की दूरी पर स्थित यह फोर्ट अब लग्जरी होटल में तब्दील हो चुका है। इस लग्जरी होटल से आप जीप सफारी, हेरिटेज वॉक और कई रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। परिवार हो अथवा बच्चे सभी के लिए इस लग्जरी होटल में कुछ ना कुछ अवश्य है।
मेड़तिया राजपूतों की जागीर चणौद 1700 के दशक की शुरुआत में ठाकुर अनूप सिंहजी को उपहार में मिली थी। चाणौद और उसके आसपास के गांव पूर्व में उदयपुर शासन के अधीन थे। परन्तु 1453 ई. में मेवाड़ और मारवाड़ के बीच हुए युद्ध के दौरान यह क्षेत्र जोधपुर शासन के अधीन आ गया।
चणौद गढ़ होटल स्थित मोती महल, बादल महल और मोर चौक में व्यंजनों का आनन्द लेना एक अलग शाही अनुभव प्रदान करता है। मोती महल के सभी कमरे वातानुकूलित और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। मोती महल के हाल में मूल रंग-रोगन बरकरार है जिसे वनस्पतिक रंगों द्वारा हाथ से पेटिंग किया गया है। मोती महल में ब्रेकफास्ट और लंच का मजा लेते हुए आप महल के झरोखों से एक प्राकृतिक दृश्य का आनन्द उठा सकते हैं।
बादल महल के छत पर रात के वक्त ठंडे आसमान में डिनर परोसा जाता है, जहां से गांव का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। चमकते सितारों के नीचे बैठकर पर्यटक डिनर का जमकर आनन्द लेते हैं। हमारे देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर से भला कौन परिचित नहीं है, मिट्टी की दीवारों पर स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए मोर के चित्रों वाले घरों में ठंडी की रातों में अलाव के पास बैठकर भोजन करना एक खास अनुभव कराता है।
8- रोहित गढ़, राजस्थान
जोधपुर के दक्षिण में पक्षियों से भरी एक छोटी झील के किनारे स्थित रोहित गढ़ तकरीबन 375 साल पुराना किलाबन्द रेगिस्तानी महल है जिसमें राठौर राजवंश आज भी रहता है तथा एक लग्जरी होटल चलाता है। रोहित गढ़ होटल से सुन्दर झील का दृश्य, बेहद खूबसूरत पूल और सुपर डीलक्स कमरे पहली नजर में ही दिल को छू जाते हैं। जोधपुर से सिर्फ़ 45 मिनट की दूरी पर रोहित गढ़ होटल अपने मेहमानों के लिए जीप, ऊँट या घोड़े से गांव की सफारी तथा शाही पिकनिक के अतिरिक्त अन्य रोमांचक गतिविधियां आयोजित करता है।
9-खींवसर दुर्ग, नागौर
नागौर से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खींवसर दुर्ग का निर्माण 1523 ई. में राव जोधा की 8वीं संतान राव कर्मसिंह ने करवाया था। पूर्व में इस किले को योद्धा किला कहा जाता था परन्तु वर्तमान में यह किला अब एक लग्जरी होटल में तब्दील हो चुका है।
रेत के धोरों के बीच यह किला 11 एकड़ में फैला हुआ है। इस किले के हरे-भरे बगीचे में तकरीबन 50 से अधिक किस्म के पेड़-पौधे लगे हुए हैं। किले में मौजूद राजा-महाराजाओं व अंग्रेजों की दुर्लभ गाड़ियां एक अलग ही नजारा प्रस्तुत करती हैं। राव जोधा के वंशज गजेन्द्र सिंह जी ने इस किले को साल 1979 में एक हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया। यह लग्जरी होटल पांच सितारा होटलों में शामिल है।
खींवसर दुर्ग के इस फाइव स्टार होटल में 71 लग्जीरियस कमरे व स्वीमिंग पुल हैं। मनोरंजन ग्राउन्ड के अलावा आकर्षण के लिए अलग से डेजर्ट विलेज बना हुआ है। इस होटल की बुकिंग केवल वेडिंग, एनिवर्सरी या बर्थडे पार्टियों के लिए होती है।
10- भैंसरोड़गढ़ किला, कोटा
भैंसरोड़गढ़ एक अभेद्य किला है जिसका नवनिर्माण 1740 के दशक में किया गया था। महाराणा प्रताप के भाई शक्ति सिंह के वंशजों को उपहार में मिला भैंसरोड़गढ़ किला वर्तमान में एक लक्जरी हेरिटेज होटल में परिवर्तित हो चुका है, जो दुनियाभर के सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
इस हेरिटेज होटल के डाइनिंग रूम और छत पर खाना परोसा जाता है, जहां बैठकर आप पारम्परिक राजस्थानी भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं। इस होटल के लग्जरी बेडरूम में बड़े बाथरूम बने हुए हैं। खूबसूरत बगीचे में आराम करने के साथ ही आप सुबह और शाम के वक्त नाव से नदी की धाराओं का आनन्द ले सकते हैं। घुड़सवारी करने और पिकनिक मनाने के साथ ही आप आस-पास के गांवों में घूम सकते हैं।
11- बुजेरा फोर्ट, उदयपुर
अरावली पहाड़ियों की पृष्ठभूमि में निर्मित बुजेरा फोर्ट होटल आपको अतीत में ले जाता है। बुजेरा लग्जरी होटल उदयपुर शहर से कुछ ही दूरी पर है। ट्रिश मैकफारलेन और रिचर्ड हैनलॉन ने इस लग्जरी होटल को डिजाइन करते समय पारंपरिक आकर्षण को बरकरार रखा। बुजेरा फोर्ट को लग्जरी होटल में तब्दील करने में छह वर्ष लग गए थे।
इस लग्जरी होटल के जगमगाते फव्वारे, स्विमिंग पूल और आकर्षक आंगन स्वर्गीय आनन्द प्रदान करते हैं। इस लाल गुलाबी किले से आप उदयपुर, लेक पिछोला, सिटी पैलेस, लेक पैलेस, मानसून पैलेस का नजारा ले सकते हैं।
बुजेरा फोर्ट हेरिटेज होटल के अन्दर एक लाइब्रेरी और एक गेम टेबल है। ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के लिए अलग-अलग लग्जरी रूम बने हुए हैं। आउटडोर मंडपों में आप पियानों के साथ पार्टियों का आनन्द ले सकते हैं। बुजेरा फोर्ट के जैविक बगीचे में उगाई गई ताजी सब्जियों का उपयोग करके घर जैसा खाना तैयार किया जाता है।
12-केसरोली किला, राजस्थान
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित केसरोली का किला अब लग्जरी होटल में तब्दील हो चुका है। नीमराना होटल समूह ने ही लग्जरी होटल में तब्दील करने के लिए इस किले का व्यापक तौर पर जीर्णोद्धार करवाया। किला परिसर में मौजूद विशाल आंगन और उद्यान एक शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करते हैं। केसरोली किले के हेरिटेज होटल में मेहमानों की सुविधाओं के लिए आकर्षक सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
यह किला अपनी अनूठी वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत के लिए विख्यात है। केसरोली किले की वास्तुकला में राजपूत, मुगल और औपनिवेशिक प्रभावों का मिश्रण देखने को मिलता है।
पहाड़ी पर स्थित केसरोली फोर्ट आसपास का मनोरम दृश्य प्रदान करता है। राजपूत और मुगल वास्तुकला के सम्मिश्रण से निर्मित इस किले की अलंकृत बालकनियाँ, झरोखे और सजावटी रूपांकन एक अलग ही छवि प्रस्तुत करते हैं। केसरोली का किला अब एक लग्जरी होटल बन चुका है, जहां आप कभी भी आ सकते हैं। परन्तु अक्टूबर से लेकर फरवरी तक के महीनों में केसरोली किला घूमने के लिए आ सकते हैं क्योंकि इन दिनों यह किला बेहद ही खूबसूरत दिखता है।
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